94 वर्षीय समाजसेवक बाबा आढाव ने तीसरे दिन अपना उपवास तोड़ा

94-year-old social worker Baba Adhav broke his fast on the third day

पुणे: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों में सत्ता और धन के दुरुपयोग के आरोप लगाते हुए वरिष्ठ समाजसेवक बाबा आढाव ने महात्मा फुले की पुण्यतिथि पर पुणे में आत्मक्लेश आंदोलन शुरू किया था। तीन दिनों तक चले इस आंदोलन को राज्य के विभिन्न नेताओं की अपील के बाद समाप्त कर दिया गया।

आज शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में बाबा आढाव ने अपना उपवास तोड़ा। इससे पहले एनसीपी नेता शरद पवार और अजित पवार ने भी उनसे मुलाकात की और आंदोलन खत्म करने का आग्रह किया था। बाबा आढाव ने कहा कि उनका यह आंदोलन लोकतंत्र के मूल्यों को बनाए रखने के लिए था।

चुनाव परिणामों में महायुति को भारी बहुमत मिला है, लेकिन इसके साथ ही धन और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप भी लग रहे हैं। बाबा आढाव ने महात्मा फुले वाड़ा में यह उपवास शुरू किया था, जो राज्य में चर्चा का विषय बना।

अजित पवार ने बाबा आढाव से सवाल किया कि यदि मुफ्त योजनाएं कर्नाटक और मध्य प्रदेश में चलाई जा सकती हैं, तो महाराष्ट्र में इन योजनाओं को लागू करने में आपत्ति क्यों है?इस घटना ने राज्य में राजनीतिक और सामाजिक चर्चा को नया मोड़ दिया है।

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