मुंबई: वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर का वातावरण हमारे स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डालता है। यदि घर में वास्तु दोष हो, तो यह न केवल मानसिक अशांति का कारण बन सकता है बल्कि स्वास्थ्य समस्याएं और आर्थिक नुकसान भी ला सकता है। यदि आप भी स्वास्थ्य पर अनावश्यक पैसा खर्च कर रहे हैं, तो इन सरल वास्तु उपायों से घर का दोष दूर करें और सुख-शांति को आमंत्रित करें।
- घर का मुख्य दरवाजा साफ और सकारात्मक रखें .मुख्य दरवाजा घर की ऊर्जा का प्रवेश द्वार है। इसे हमेशा साफ-सुथरा और टूटा-फूटा न रखें। दरवाजे पर स्वस्तिक या मंगलकारी प्रतीक लगाएं। घर के मुख्य द्वार के पास कूड़ा या गंदगी न होने दें, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है। यह उपाय घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाता है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करता है।
- रसोईघर का स्थान और गैस का सही उपयोग करें रसोईघर घर की ऊर्जा को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रसोई हमेशा घर के दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) में होनी चाहिए। गैस चूल्हा और पानी का उपयोग एक ही पंक्ति में न करें, क्योंकि यह अग्नि और जल तत्वों के बीच असंतुलन पैदा कर सकता है। संतुलित रसोईघर न केवल स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि परिवार में सामंजस्य भी लाता है।
- उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) को रखें साफ .उत्तर-पूर्व दिशा को वास्तुशास्त्र में सबसे पवित्र माना गया है। इस स्थान को हमेशा साफ और खाली रखें। यहां पूजा स्थल या पानी का स्रोत रखें। भारी फर्नीचर या अव्यवस्था न होने दें। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र है और इसे ठीक रखने से स्वास्थ्य और समृद्धि में वृद्धि होती है।
अतिरिक्त सुझाव:
घर में तुलसी का पौधा लगाएं और नियमित रूप से उसकी देखभाल करें। घर में जले हुए बल्ब, टूटे शीशे या खराब उपकरण तुरंत बदलें। सप्ताह में एक बार घर में कपूर जलाकर पूरे घर में घुमाएं।
वास्तु दोष न केवल मानसिक और भावनात्मक तनाव बढ़ाते हैं बल्कि शारीरिक समस्याएं भी ला सकते हैं। इन तीन सरल उपायों को अपनाकर आप न केवल बीमारियों से बच सकते हैं बल्कि अपने घर में सुख-शांति और सकारात्मकता भी बढ़ा सक