क्या घुटनों का ऑपरेशन करवाना चाहिए?

Should knee surgery be done?
क्या घुटनों का ऑपरेशन करवाना चाहिए?

दिल्ली : घुटनों का दर्द या समस्या आजकल एक आम स्वास्थ्य चिंता बन गई है, खासकर बुजुर्गों और सक्रिय जीवनशैली अपनाने वालों के लिए। कई मामलों में, दर्द का इलाज फिजियोथेरेपी, दवाइयों या जीवनशैली में बदलाव से हो सकता है, लेकिन जब यह उपाय असफल हो जाते हैं, तो घुटनों का ऑपरेशन (जैसे कि घुटने प्रत्यारोपण) एक प्रभावी समाधान हो सकता है

घुटने के ऑपरेशन के प्रकार

  1. आंशिक घुटना प्रत्यारोपण (Partial Knee Replacement):

इसमें केवल घुटने के क्षतिग्रस्त हिस्से को बदला जाता है। यह छोटे घाव और तेज़ रिकवरी के लिए जाना जाता है।

  1. पूर्ण घुटना प्रत्यारोपण (Total Knee Replacement):

इसमें पूरा घुटना कृत्रिम जोड़ से बदला जाता है। यह गंभीर गठिया या पूरी तरह क्षतिग्रस्त घुटने के लिए किया जाता है।

 

ऑपरेशन कब आवश्यक है?

  1. दर्द असहनीय हो जाए: जब दर्द रोजमर्रा के कामों को बाधित करता है और आराम या दवाओं से राहत नहीं मिलती।
  2. घुटने की संरचना क्षतिग्रस्त हो: गठिया या चोट के कारण घुटने का सामान्य कार्य बंद हो जाए।
  3. चलने-फिरने में दिक्कत हो: अगर चलने या सीढ़ियां चढ़ने-उतरने में असुविधा हो।
  4. दवाइयों और फिजियोथेरेपी से राहत न मिले।

ऑपरेशन के फायदे

  1. दर्द से राहत: घुटने का ऑपरेशन पुरानी और गंभीर दर्द से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
  2. बेहतर गतिशीलता: ऑपरेशन के बाद व्यक्ति आसानी से चल-फिर सकता है।
  3. जीवन की गुणवत्ता में सुधार: व्यक्ति फिर से अपनी दैनिक गतिविधियां बिना परेशानी के कर सकता है।
  4. लंबे समय तक प्रभावी: आधुनिक तकनीकों से किए गए ऑपरेशन के परिणाम 15-20 साल तक प्रभावी रहते हैं।

ऑपरेशन के संभावित जोखिम

  1. संक्रमण या सूजन
  2. रक्तस्राव
  3. कृत्रिम जोड़ का जल्दी खराब होना
  4. रिकवरी में समय लगना

ऑपरेशन से पहले ध्यान रखने योग्य बातें

  1. विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श करें।
  2. सही अस्पताल और अनुभवी सर्जन का चयन करें।
  3. ऑपरेशन के बाद की फिजियोथेरेपी और देखभाल के लिए तैयार रहें।

ऑपरेशन का विकल्प

यदि समस्या गंभीर नहीं है, तो निम्नलिखित विकल्प आजमाए जा सकते हैं:

नियमित व्यायाम

वजन नियंत्रित रखना

पौष्टिक भोजन (जैसे कैल्शियम और विटामिन डी युक्त आहार)

फिजियोथेरेपी

घुटने का ऑपरेशन एक प्रभावी लेकिन गंभीर निर्णय है। इसे तभी करवाना चाहिए जब अन्य उपचार विफल हो जाएं और विशेषज्ञ इसे आवश्यक बताएं। सही समय पर लिया गया निर्णय न केवल घुटने के दर्द से राहत देता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाता है।

Leave a Comment

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

    Leave a Reply