सोलापुर : (BANK SCAM) सोलापुर जिला सहकारी बैंक (BANK SCAM) (DCC) में 238 करोड़ रुपये के अवैध कर्ज वितरण का मामला सामने आया है, जिसने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। जांच रिपोर्ट में बैंक के तत्कालीन निदेशक मंडल, अधिकारियों और चार्टर्ड अकाउंटेंट को दोषी ठहराया गया है।
मुख्य बिंदु:
- कर्ज वितरण में अनियमितता:
बैंक ने अपनी संपत्ति से अधिक ऋण वितरित किया और कई कर्जों की समय पर वसूली नहीं की गई। यह घोटाला 2018 में रिजर्व बैंक द्वारा बैंक के निदेशक मंडल को भंग किए जाने के बाद उजागर हुआ।
- जांच रिपोर्ट के निष्कर्ष:
इस मामले में 32 निदेशक, दो अधिकारी और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को जिम्मेदार ठहराया गया है।
जांच अधिकारी डॉ. किशोर तोशनीवाल ने बताया कि इन दोषियों से पूरी राशि 12% ब्याज सहित वसूल की जाएगी।
मृत निदेशकों के उत्तराधिकारियों से भी वसूली का आदेश दिया गया है।
- प्रमुख नाम:
महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री विजयसिंह मोहिते पाटिल पर 30.05 करोड़ रुपये की देनदारी है।
पूर्व मंत्री दिलीप सोपल पर 30.27 करोड़ रुपये का कर्ज है।
अन्य प्रमुख नेताओं में बाबनराव शिंदे और संजय शिंदे का नाम भी शामिल है।
राजनीतिक प्रभाव:
इस घोटाले का खुलासा विधानसभा चुनाव के दौरान हुआ, जिससे इसकी टाइमिंग पर सवाल उठाए जा रहे हैं। रिपोर्ट में शामिल नेताओं की राजनीतिक छवि को गहरा नुकसान पहुंचा है।
समस्या की जड़:
बैंक के कर्ज वितरण में गड़बड़ी और प्रबंधन की लापरवाही इस घोटाले की मुख्य वजहें रहीं।
रिजर्व बैंक ने इस अनियमितता के कारण 2018 में बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था, और तब से बैंक प्रशासनिक नियंत्रण में है।
यह मामला सहकारी बैंकों के संचालन में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
(BANK SCAM)