मुंबई : (Rahul Narvekar) महाराष्ट्र में महायुति सरकार के गठन के बाद से विधानसभा का कामकाज फिर से शुरू हो गया है। इस बीच मुंबई में तीन दिवसीय विशेष अधिवेशन का आयोजन किया गया। शनिवार, 7 दिसंबर और रविवार, 8 दिसंबर को सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने शपथ ली। आज इस अधिवेशन का अंतिम दिन था, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के साथ सभी का ध्यान राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) पर था।
भाजपा नेता राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) को सर्वसम्मति से एक बार फिर विधानसभा अध्यक्ष के रूप में चुना गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजित पवार और चंद्रकांत पाटील समेत अन्य नेताओं ने समर्थन दिया। इसके बाद अस्थायी अध्यक्ष कालिदास कोलंबकर ने उनका नाम मंजूर किया और राहुल नार्वेकर का नाम बिनविरोध विधानसभा अध्यक्ष के लिए तय हो गया।
राहुल नार्वेकर के चयन के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे, अजित पवार और अन्य नेताओं की मौजूदगी में उन्होंने अपना पदभार ग्रहण किया।
दूसरी बार शपथ लेने का इतिहास
राहुल नार्वेकर महाराष्ट्र में सबसे पहले ऐसे विधानसभा अध्यक्ष बने हैं, जिन्होंने लगातार दूसरी बार इस पद की शपथ ली है। उनके इस उपलब्धि के साथ ही यह भी साबित होता है कि वे सत्ता पक्ष के लिए एक मजबूत चेहरा बने हुए हैं।
राहुल नार्वेकर: एक नजर
राहुल नार्वेकर का राजनीति में करियर शिवसेना से शुरू हुआ। बाद में वे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से भी जुड़े, लेकिन 2019 में भाजपा में शामिल हुए और दक्षिण मुंबई से विधानसभा चुनाव लड़ा। उनके राजनीतिक करियर में कई उपलब्धियां रही हैं, और 2022 में महायुति सरकार बनने के बाद से वे विधानसभा अध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं।
राहुल नार्वेकर का ससुर रामराजे नाईक निंबाळकर भी महाराष्ट्र विधान परिषद के सभापति रह चुके हैं। उनके सबसे कम उम्र के विधानसभा अध्यक्ष होने का रिकॉर्ड भी महाराष्ट्र की राजनीति में खास है।
इस प्रकार राहुल नार्वेकर ने एक बार फिर साबित किया कि वे महायुति सरकार में एक प्रभावशाली नेतृत्वकर्ता बने हुए हैं।