नई दिल्ली: लॉरेंस बिश्नोई का एक सिपाही के बेटे से गैंगस्टर बनने तक का सफर काफी रोमांचकारी है. लॉरेंस का जन्म 12 फरवरी 1993 को पंजाब के फिरोजपुर के एक गांव में कांस्टेबल लखबीर सिंह बिश्नोई और मां ममता के घर हुआ था. मनमोहक जैसा चेहरा देखकर मां ने उसका नाम लॉरेंस रख दिया. उसके पिता उसे आईपीएस बनाने का सपना देखते थे. उस सपने को साकार करने के लिए लखबीर सिंह ने लॉरेंस को सभी सुख-सुविधाएं मुहैया कराईं. लॉरेंस ने 2010 में बारहवीं कक्षा पास करने के बाद चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से पढ़ाई की. इसके बाद उसने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ में ग्रेजुएशन किया. इसी बीच युनिवेर्सिटी में उसने ‘स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी’ नाम से एक छात्र संगठन की स्थापना की और उसका अध्यक्ष बना. इसी संगठन ने छात्रसंघ चुनाव भी लड़ा, लेकिन हार गया. वह उस हार को बर्दाश्त नहीं कर पाया. बदला लेने के लिए उसने इस हार के लिए जिम्मेदार लोगों को सबक सिखाने के लिए एक रिवॉल्वर खरीद ली. जब विरोधियों से भिड़ंत हुई तो उसने रौब गांठने के लिए फायरिंग कर दी. इसी बीच उसकी मुलाकात गोल्डी ब्रार से हुई. इसके बाद लॉरेंस छोटे-मोटे अपराध करने लगा. उसने धीरे-धीरे अपराध जगत में पैठ बनानी शुरू कर दी और अधिक गंभीर अपराधों की ओर बढ़ते गया. 2010 में वह हत्या का प्रयास, जमीन पर कब्जा, शराब तस्करी और डकैती जैसे कई अपराध करने लगा. उसी साल उसके नाम पर हत्या के प्रयास के जुर्म में पहली एफआईआर दर्ज की गई.
इसके बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 2011 तक, उसके खिलाफ दर्ज अपराध केवल छात्र संघ की राजनीति से संबंधित थे. लेकिन एक दशक बाद उसका ख़तरा पंजाब और हरियाणा से आगे बढ़कर उत्तर भारत के अन्य राज्यों तक फैल गया. अपनी प्रसिद्धि और खौफ बढ़ाने के लिए उसने गोल्डी ब्रार के साथ मिलकर हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के स्थानीय गिरोहों से हाथ मिलाकर अपने गिरोह का विस्तार किया. इसके साथ ही उसकी आपराधिक प्रवृत्ति भी बढ़ती गई. उसके गुर्गे हत्या से लेकर करोड़ों की वसूली तक कई अपराध करते रहे हैं. जैसे-जैसे अपराध बढ़ते हैं, समाज में भय भी बढ़ता है. फिलहाल उसके गैंग का अत्याचार पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और झारखंड में काफी बढ़ गया है.
जेल से भी चलाता है करोड़ो का कारोबार !
बिश्नोई गैंग का सरगना लॉरेंस बिश्नोई फिलहाल साबरमती जेल में है, लेकिन गैंग की गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं. अभी हाल ही में इसी गैंग ने बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी भी ली है. सवाल ये है कि साबरमती जेल में बंद लॉरेंस जेल से भी अपनी गैंग कैसे चला रहा है ? हत्या के अलावा लॉरेंस जेल में बैठकर अपने गैंग के गुंडों से करोड़ों रुपये की वसूली कर रहा है. लॉरेंस साबरमती जेल में है, इससे पहले वह दिल्ली की तिहाड़ जेल, राजस्थान की भरतपुर जेल और पंजाब की फरीदकोट जेल में था. उन तीन जेलों से भी वह कारोबारियों को धमकी देकर करोड़ों की वसूली करता था. गैंगस्टर आनंदपाल का भाई विक्की सिंह और मंजीत सिंह वसूली के काम में उसकी मदद करते हैं. अब साबरमती जेल से भी वह हत्या करवा रहा है तो सवाल उठता है कि वह जेल से अपने गुंडों से कैसे संपर्क करता है? पुलिस की सहायता के बिना यह संभव नहीं हो सकता है. इससे हमारी पुलिस व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे है. यदि लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह को अभी काबू नहीं किया गया तो यह गिरोह देशभर में कानून व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस के लिए सिरदर्द बन जाएगा. वह जेल से अपराध करता रहेगा और पुलिस देखती रहेगी और एफआईआर दर्ज करती रहेगी!
बिश्नोई गैंग के खालिस्तानियों से रिश्ते भारत के लिए चिंताजनक!
लॉरेंस बिश्नोई ने खालिस्तानियों के साथ भी गठबंधन कर लिया है और इससे चिंता बढ़ती जा रही है. बिश्नोई गैंग में फिलहाल 700 से ज्यादा शूटर हैं, जिनमें से 300 शूटर सिर्फ पंजाब के हैं. नब्बे के दशक में दाऊद इब्राहिम का गैंग सबसे बड़ा था. फिरौती को लेकर भी उसका खेल बड़ा रहा है. इसके अलावा हथियारों की खेप और शराब का कारोबार भी होता रहा है. अब लॉरेंस बिश्नोई भी इसी तरह एक बड़ा गैंग तैयार कर रहा है. जहां दाऊद ने अपने मकसद को आगे बढ़ाने के लिए पाकिस्तानी आतंकवादियों से हाथ मिलाया है, वहीं लॉरेंस ने खालिस्तानियों से हाथ मिला लिया है. दाऊद इब्राहिम मुंबई से लेकर पाकिस्तान और दुबई तक काला काम कर रहा है, वहीं लॉरेंस बिश्नोई की पहुंच कनाडा तक है. इसके अलावा पाकिस्तान में बैठा खालिस्तानी हरविंदर सिंह रिंदा लॉरेंस गैंग के शूटरों का इस्तेमाल पंजाब में सुपारी लेने के लिए करता रहा है.
यह पूरी बात मनगढ़ंत नहीं है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी की चार्जशीट में लॉरेंस गैंग की तुलना दाऊद गैंग से की गई है. डी गैंग का खौफ अब खास नहीं रहा. भारत पाकिस्तान को सबूत देता रहा है कि दाऊद इब्राहिम भी पाकिस्तान के कराची में है, लेकिन पाकिस्तान कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. वहीं, अपने देश में ही जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई की गैंग की मौजूदगी बढ़ती जा रही है. बताया जा रहा है कि लॉरेंस गैंग ने कनाडा जाने के नाम पर कई युवाओं को भर्ती किया है. गोल्डी ब्रार और रोहित गोदारा विदेश में बैठकर भारत में अपराध करते रहते हैं. लॉरेंस ने एक दशक में जो ‘विकास’ किया है, उसे देखते हुए हमारी पुलिस का प्रदर्शन संदेह से रहित नहीं है.
यह पहली बार नहीं है कि साबरमती जेल में बंद लॉरेंस को पुलिस ने पकड़ा है. इससे पहले वह 2014 में पहली बार राजस्थान पुलिस के हत्थे चढ़ा था. मुठभेड़ के बाद उसे गिरफ्तार कर भरतपुर जेल भेज दिया गया. लेकिन जब उसे कोर्ट में पेश किया जाने वाला था तो वह मोहाली में पुलिस के हाथों से भाग निकला. इसके बाद 2016 में वह दोबारा पकड़ा गया. लॉरेंस पर बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान की हत्या की साजिश, पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या, करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह की हत्या, सलमान के बंगले के बाहर गोलीबारी और बाबा सिद्दीकी की हत्या सहित 50 से अधिक आरोप लगाए गए हैं.
लॉरेंस बिश्नोई गैंग का खालिस्तानियों से रिश्ता भारत के लिए चिंता का विषय है. कई बार आरोप लग चुके है कि खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंदा और अन्य खालिस्तानियों के तार बिश्नोई गिरोह के साथ जुड़े है.
सलमान से दुश्मनी क्यों?
एनसीपी के अजीत पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या को सलमान खान के लिए भी एक निहित खतरे के रूप में देखा जा रहा है. बाबा सिद्दीकी सलमान खान के खास दोस्त थे. इसीलिए उनकी हत्या को सलमान खान के लिए सीधी धमकी के रूप में देखा जा रहा है, तो सवाल यह है कि बिश्नोई गैंग सलमान खान से क्या बदला लेना चाहता है? लॉरेंस बिश्नोई और सलमान खान के बीच क्या दुश्मनी है? लॉरेंस खुद को पर्यावरणविद् मानता है. दोनों के बीच दुश्मनी कोई नई बात नहीं है, यह 1998 के किस्से से जुडी हुई है. उस वक़्त फिल्म ‘हम साथ-साथ है’ की शूटिंग राजस्थान में चल रही थी. उस समय सलमान खान पर काले हिरण का का शिकार करने का आरोप लगा था. उस मामले में सलमान खान को पांच साल की सजा सुनाई गई है. वह फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. बिश्नोई समुदाय काले हिरण की पूजा करता है. इसीलिए जमानत पर रिहा होने के बाद लॉरेंस ने सलमान खान से बिश्नोई समुदाय से माफी मांगने को कहा, लेकिन सलमान ने माफी नहीं मांगी. इसके बाद से ही सलमान बिश्नोई गैंग के निशाने पर हैं. इससे पहले सलमान खान के बंगले के बाहर फायरिंग हो या बंगले में आग लगने की घटना, सबके पीछे इसी गैंग का हाथ माना जाता है. काले हिरण के शिकार मामले में सलमान खान ने बिश्नोई समुदाय से माफी नहीं मांगी है, इसलिए लॉरेंस लगातार इस बात पर अड़ा हुआ हैं कि उन्हें सजा मिलेगी. अब बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद सलमान खान की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है, लेकिन क्या लॉरेंस गैंग बदला लेगा या सलमान खान समझौता करेंगे?