करजत-जामखेड: महाराष्ट्र में करजत-जामखेड विधानसभा सीट पर एक बार फिर रोहित पवार और राम शिंदे के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा।
रोहित पवार ने अपने कार्यकाल में करजत-जामखेड क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, और ग्रामीण विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है। उनकी मुख्य उपलब्धियों में किसानों की मदद के लिए आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रोत्साहन, रोजगार के अवसर बढ़ाने के प्रयास और स्थानीय स्तर पर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार शामिल हैं। उन्होंने युवाओं के लिए कई पहल की हैं, जिससे उनकी लोकप्रियता क्षेत्र में बढ़ी है।
उनके प्रतिद्वंद्वी राम शिंदे बीजेपी के कद्दावर नेता हैं और इस बार अपने पुराने अनुभव और क्षेत्रीय मुद्दों के आधार पर जनता को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। राम शिंदे का जोर मुख्य रूप से विकास की गति को तेज करने और विपक्ष की नीतियों में खामियां उजागर करने पर है।
जनता का मूड:
स्थानीय लोगों में रोहित पवार के प्रति सकारात्मकता दिखती है, लेकिन कई लोग महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर असंतुष्ट भी हैं। रोहित के विकास कार्यों को सराहा जा रहा है, लेकिन विरोधी पक्ष की ओर से ये आरोप भी लग रहे हैं कि उनके कार्यों में वादा और क्रियान्वयन के बीच कुछ अंतर है।
करजत-जामखेड में इस बार का चुनाव रोचक होने वाला है, जहां रोहित पवार के विकास कार्य और राम शिंदे की कड़ी चुनौती के बीच जनता का निर्णय ही असली जीत का फैसला करेगा।