Pune water news: सिंहगढ़ रोड, धायरी, खडकवासला और नर्हे के इलाकों में रहने वाले लोगों का पानी की गुणवत्ता पर विश्वास खत्म होता जा रहा है। इनमें से कई इलाकों में सालों से पानी की आपूर्ति टैंकरों के जरिए हो रही है। जिन सोसायटियों में पाइपलाइन से पानी पहुंचता है, उन्हें खडकवासला डैम से सीधे पानी भेजा जाता है। यह पानी पार्वती ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए फिल्टर होने वाले पानी से अलग है।
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सोमवार को शहर के अस्पतालों में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के कई मामलों की सूचना के बाद, निवासियों ने पानी की गुणवत्ता सुधारने की मांग तेज कर दी है। धायरी के निवासी विजय ओव्हाल ने कहा, पीएमसी और टैंकरों से मिलने वाले पानी का रंग बार-बार बदलता रहता है। टैंकर का पानी सबसे ज्यादा चिंता का विषय है। यह कठोर होता है और इसकी गुणवत्ता जांचने वाला कोई नहीं है।
नांदेड फाटा के निवासी विजय लागु ने बताया कि पार्वती प्लांट की अनुपस्थिति में पीएमसी का पानी ब्लीच से ट्रीट कर भेजा जाता है, जिसे लोग पीने और खाना बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। अन्य कामों के लिए वे टैंकर या बोरवेल का पानी इस्तेमाल करते हैं। (Pune water news)