Republic Day History: आज समग्र देश गणतंत्र दिवस का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मना रहा है। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी कर्तव्यपथ पर भव्य परेड का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भारतीय सेना की शक्ति और देश की सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन किया जाता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहला गणतंत्र दिवस (Republic Day History) कब और कहां मनाया गया था? 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था और इसी दिन देश के पहले राष्ट्रपति, डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने दिल्ली के इर्विन स्टेडियम में तिरंगा ध्वज फहराया था। इस ऐतिहासिक दिन के बाद से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई और इसे राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया।
पारंपरिक रूप से, उस समय 30 तोपों की सलामी दी जाती थी, जिसे बाद में घटाकर 21 तोपों की सलामी किया गया। सलामी देने वाली 7 विशेष तोपों को ‘पॉन्डर्स’ कहा जाता है, जो 1941 में बनाए गए थे। इस पहले गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकार्नो थे।
प्रारंभ में, गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों का आयोजन लाल किला, किंग्स वे कैम्प और रामलीला मैदान में किया जाता था, लेकिन 1955 से कर्तव्यपथ पर परेड की परंपरा शुरू हुई। यह परेड राष्ट्रपति भवन से प्रारंभ होकर इंडिया गेट और लाल किला होते हुए संपन्न होती है। यह परेड 5 किलोमीटर से अधिक लंबी होती है, जिसमें भारत की सांस्कृतिक विविधता और सैन्य शक्ति का शानदार प्रदर्शन किया जाता है।
गणतंत्र दिवस की परेड न केवल भारत की स्वतंत्रता संग्राम की विरासत को सम्मानित करती है, बल्कि देश की मजबूती, विविधता और एकता का प्रतीक भी है।