Pune Atal Tinkering Labs: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान घोषणा की कि अगले पांच वर्षों में देशभर के सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स (Pune Atal Tinkering Labs) स्थापित की जाएंगी। इस पहल का उद्देश्य स्कूली छात्रों में जिज्ञासा, नवाचार और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना है।
नीति आयोग द्वारा 2016 में शुरू किए गए अटल इनोवेशन मिशन (AIM) के तहत अब तक देशभर के स्कूलों में 10,000 अटल टिंकरिंग लैब्स (Pune Atal Tinkering Labs) स्थापित की जा चुकी हैं। इन लैब्स का मुख्य उद्देश्य छात्रों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) के क्षेत्र में प्रोत्साहित करना है। इन लैब्स में ‘डू इट योरसेल्फ’ किट्स और साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, रोबोटिक्स, ओपन-सोर्स माइक्रोकंट्रोलर बोर्ड्स, सेंसर, 3D प्रिंटर और कंप्यूटर जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
पुणे के भूगांव स्थित संस्कृती स्कूल में एक अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की गई है। स्कूल की प्रिंसिपल दामिनी जोशी ने बताया कि इस लैब में 3D डिजाइनिंग, खगोल अध्ययन (stargazing), गेम डिजाइनिंग और आर्डुइनो (Arduino) और रास्पबेरी पाई (Raspberry Pi) जैसे माइक्रोकंट्रोलर्स का उपयोग कर प्रोजेक्ट तैयार किए जाते हैं।
उन्होंने कहा, “संस्कृती स्कूल की अटल टिंकरिंग लैब ने हमारे छात्रों में नवाचार और रचनात्मकता को बड़े स्तर पर बढ़ावा दिया है। इस लैब ने उन्हें नए विचारों पर काम करने, इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स विकसित करने और रोजमर्रा की समस्याओं का समाधान खोजने का मंच दिया है। इतना ही नहीं, यह उनके भीतर एक उद्यमशील (Entrepreneurial) सोच विकसित करने में भी सहायक साबित हुई है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि हमारे छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर की एक प्रोडक्ट डिज़ाइन प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया है।”
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय (SPPU) का डिज़ाइन इनोवेशन सेंटर (DIC) भी अटल टिंकरिंग लैब्स के तहत कई स्कूलों को मार्गदर्शन और प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। एसपीपीयू के रसायन विज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर पूजा दोशी, जो अटल टिंकरिंग लैब्स के लिए डीआईसी की कोर टीम का हिस्सा हैं