Pune Guillain-Barré syndrome reason: पुणे में गिलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामलों में अचानक हुई बढ़ोतरी की असली वजह सामने आ गई है। राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) ने अपनी जांच में पुष्टि की है कि शहर के कुछ हिस्सों में दूषित पानी ही GBS संक्रमण का मुख्य कारण है। (Pune Guillain-Barré syndrome reason)
पुणे मनपा के अतिरिक्त आयुक्त पृथ्वीराज बी. पी. ने बताया कि NIV ने उन इलाकों से लिए गए पानी के नमूनों की जांच की, जहां GBS के मामले अधिक देखे गए थे। रिपोर्ट में साफ तौर पर यह निष्कर्ष निकला कि दूषित पानी के कारण ही GBS के मामलों में तेजी आई। इस संबंध में राज्य और मनपा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ हुई ऑनलाइन बैठक में NIV अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि की।
NIV ने PMC को सख्त निर्देश दिए हैं कि अब से पानी के नमूनों की जांच के लिए 100 मिलीलीटर की बजाय 2 लीटर पानी के सैंपल एकत्र किए जाएं और उन्हें कुछ समय तक सुरक्षित रखा जाए। इसके अलावा, हर घर में न्यूनतम 0.3 PPM क्लोरीनयुक्त पानी पहुंचाने का निर्देश दिया गया है। हालांकि, PMC पहले से ही 0.6 PPM क्लोरीनयुक्त पानी की आपूर्ति कर रही है। NIV ने यह भी कहा कि GBS मरीजों के मल के कम से कम दो नमूने परीक्षण के लिए रखे जाएं ताकि संक्रमण का सही आकलन हो सके।
PMC अब GBS प्रभावित इलाके, खासकर सिंहगढ़ रोड क्षेत्र के लिए एक छोटा जल शुद्धिकरण संयंत्र लगाने की योजना बना रही है, जो बड़े जल संयंत्र के तैयार होने तक पानी की गुणवत्ता सुधारने में मदद करेगा। इसके अलावा, मनपा जल आपूर्ति विभाग ने सिंहगढ़ रोड क्षेत्र में 25 निजी आरओ (RO) संयंत्रों को सील कर दिया है क्योंकि उनके पानी के नमूने दूषित पाए गए थे।