PMP किराया वृद्धि: पुणे महानगर परिवहन महामंडल (PMPML) द्वारा यात्री किराया वृद्धि को लेकर शहर के राजनीतिक पदाधिकारियों के बीच मतभेद की तस्वीर देखने को मिली. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए. जागरूक नागरिक मंच पीएमपी प्रवासी मंच द्वारा रविवार को ‘पीएमपीएमएल द्वारा यात्री किराया वृद्धि, यात्रियों के लिए वरदान या अभिशाप?’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. एनसीपी (शरद पवार) के शहर अध्यक्ष प्रशांत जगताप, पूर्व उप महापौर सिद्धार्थ धेंडे, पुणे शहर कांग्रेस के राज्य सचिव संजय बालगुडे, भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संदीप खर्डेकर, पीएमपी प्रवासी मंच के संजय शितोले, जुगल राठी और सजग नागरिक मंच के अध्यक्ष विवेक वेलणकर उपस्थित थे. (PMP किराया वृद्धि)
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इस दौरान प्रशांत जगताप ने आरोप लगाया कि पीएमपी के निदेशक मंडल में जनप्रतिनिधि नियुक्त किए बिना किराया बढ़ाने का निर्णय गलत और दुर्भाग्यपूर्ण है. यह शहर पर डकैती है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पीएमपी में पट्टे पर ली गई 75 प्रतिशत बसें ठेकेदारों के माध्यम से किराए पर ली गई हैं और चूंकि अब न केवल चालक बल्कि कंडक्टर भी ठेकेदारों के हैं. ऐसे में सिस्टम में पारदर्शिता नहीं बरती जा पायेगी. वहीं बचाव में संदीप खर्डेकर ने कहा कि किराया वृद्धि नियमों के अनुसार है.
खर्डेकर ने कहा, “सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के अलावा रिक्शा, ओला-उबर, निजी कारें और 7.8 मिलियन निजी वाहन हैं, लेकिन 1.2 मिलियन यात्री अभी भी पीएमपी से यात्रा कर रहे हैं. प्रशासनिक घाटे को पूरा करने के लिए भ्रष्टाचार, घाटे वाले मार्गों, बस बंद होने, राजनेताओं के दबाव और बस मार्गों पर काबू पाने जैसे कठोर निर्णय लेने होंगे. निष्पक्ष होकर देखें तो पीएमपी प्रतिवर्ष 320 करोड़ रुपए सेवा कर का भुगतान करता है. परिचालन घाटा राज्य सरकार से 620 करोड़ रुपये अभी तक नहीं मिले हैं. सीएनजी ईंधन जो 48 रुपये प्रति किलोग्राम था, वह अब 88 रुपये पर आ गया है. वेतन व्यय 830 करोड़ तक पहुंच गया है, जबकि पहले वेतन व्यय 450 करोड़ था. ऐसे में किराया वृद्धि सही है.
सिद्धार्थ धेंडे ने मूल्य वृद्धि पर अपना विरोध व्यक्त किया और मांग की है कि रिपोर्ट तुरंत प्रकाशित की जाए, क्योंकि यह किराया वृद्धि से पहले प्रकाशित नहीं हुई थी. साथ ही, यह स्पष्ट करते हुए कि पीएमपी के प्रशासन को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए प्रयास किए जाने की आवश्यकता है. बालगुडे ने किराया वृद्धि के संबंध में मिश्रित प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पीएमपी से वैकल्पिक आय प्रणाली बनाने की अपेक्षा की जाती है, तभी किराया वृद्धि उचित होगी. उन्होंने कहा कि किराया बढ़ाने से पहले बस लेन, वेतन प्रबंधन, मूल्यांकन और डिपो की संख्या बढ़ाकर सटीक योजना बनाने की अपेक्षा की जाती है.
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