पुणे में 4.90 लाख वारकरी पहुंचे: संत तुकाराम महाराज और संत ज्ञानेश्वर महाराज की पालखी पुणे में जैसे ही दाखिल हुई, पूरा शहर हरिनाम के गजर से गूंज उठा। इस साल करीब 4.90 लाख वारकरी पुणे पहुंचे, जिनकी सुरक्षित व्यवस्था और स्वागत के लिए पुणे पुलिस ने आधुनिक तकनीक का सहारा लिया। (पुणे में 4.90 लाख वारकरी पहुंचे)
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इस ऐतिहासिक वारी में पहली बार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग किया गया। पुणे पुलिस ने शहर के प्रमुख मार्गों और चौकों पर CCTV कैमरे और विशेष सॉफ्टवेयर लगाए, जिनसे भीड़ की निगरानी और विश्लेषण किया गया।
पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया, “वारी में लाखों की भीड़ होती है, ऐसे में पारंपरिक उपाय पर्याप्त नहीं होते। हमने एआई तकनीक का उपयोग करते हुए तीन स्तरों पर काम किया – पूर्व नियोजन, वास्तविक क्रियान्वयन और बाद का विश्लेषण।”
वारी से संबंधित भीड़ के आंकड़े:
20 जून: संत तुकाराम महाराज पालखी पुणे में – 1.95 लाख वारकरी, 600 वाहन
20 जून: संत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी – 2.95 लाख वारकरी, 2000 वाहन
20-21 जून: 1.5 लाख वारकरी आगे बढ़े
22 जून: दोनों पालखियों का प्रस्थान – 2.8 लाख वारकरी, 1800 वाहन
स्मार्ट ट्रैफिक और आपात सेवाएं:
AI द्वारा मिले आंकड़ों के आधार पर ट्रैफिक कंट्रोल, आपातकालीन सेवाएं और पुलिस तैनाती को बेहतर ढंग से क्रियान्वित किया गया। प्रमुख स्थानों पर भीड़ के अनुमान के अनुसार विशेष व्यवस्थाएं की गईं।
पुणे पुलिस की सराहनीय भूमिका:
पुरी वारी के दौरान कोई भी बड़ा हादसा नहीं हुआ, जिससे पुणे पुलिस की कुशल रणनीति और टेक्नोलॉजी के प्रभावी उपयोग की पुष्टि होती है। वारकरी भी अनुशासन में रहे और परंपरा के साथ आधुनिकता का संतुलन बना।
इस साल की यह “डिजिटल वारी” श्रद्धा, संस्कृति और स्मार्ट तकनीक का संगम बनकर पुणे के इतिहास में दर्ज हो गई।
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