अब दुपहिया वाहनों पर भी टोल टैक्स: भारत सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के लिए एक नई टोल नीति लागू की है। इसके तहत अब 15 जुलाई, 2025 से दुपहिया वाहनों को भी राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल टैक्स चुकाना होगा। वर्तमान में केवल चार-पहिया या बड़े वाहनों से टोल कर लिया जाता था, लेकिन अब सभी दुपहिया वाहन भी इस नियम के दायरे में आ जाएंगे। इसका मतलब है कि मोटरसाइकिल, स्कूटर, एक्टिवा जैसे सभी वाहनों को टोल देना होगा। इसलिए, दुपहिया वाहन चालकों को 15 जुलाई, 2025 से पहले अपने वाहनों पर फास्टैग लगवाना होगा और राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करते समय उसमें पर्याप्त बैलेंस भी रखना होगा। टोल प्लाजा से गुजरते समय फास्टैग को स्कैन कराना अनिवार्य होगा, अन्यथा जुर्माना लगाया जाएगा।
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इससे पहले दुपहिया वाहनों से टोल नहीं लिया जाता था, लेकिन अब दुपहिया सवारों को भी यह शुल्क देना होगा। सरकार ने इस बदलाव के बारे में अभी तक कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किया है। नए नियम के अनुसार, मोटरसाइकिल और स्कूटर सहित दुपहिया वाहनों के चालकों को अब टोल प्लाजा पर रुककर टोल टैक्स का भुगतान करना होगा। हालांकि, दुपहिया वाहनों के लिए टोल की राशि अभी तक घोषित नहीं की गई है।
राष्ट्रीय राजमार्गों का उपयोग करने वाले दुपहिया सवारों को 15 जुलाई से टोल चुकाना होगा। पहले, दुपहिया वाहन खरीदते समय ही टोल कर वसूल किया जाता था, इसलिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा से गुजरते समय उनसे कोई टोल नहीं लिया जाता था। अभी तक केवल चार-पहिया या उससे बड़े वाहनों से ही टोल कर वसूला जा रहा था। लेकिन अब दुपहिया सवारों को भी टोल देना होगा। नए नियम के तहत, दुपहिया वाहनों को फास्टैग (FASTag) के माध्यम से टोल का भुगतान करना होगा। जो कोई भी इस नियम का उल्लंघन करेगा, उसे 2000 रुपये का जुर्माना भरना होगा।
एनएचएआई की टोल सूचना प्रणाली के रिकॉर्ड के अनुसार, कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश में कुल 1057 एनएचएआई टोल प्लाजा हैं। इनमें से लगभग 78 टोल अकेले आंध्र प्रदेश में हैं। बिहार में 33 राष्ट्रीय राजमार्ग टोल हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में 123 टोल प्लाजा हैं। महाराष्ट्र में 57 राष्ट्रीय राजमार्ग टोल हैं।