Affordable Housing Crisis in Pune : पुणे में घर खरीदना आम लोगों की पहुंच से दूर

Affordable Housing Crisis in Pune : पुणे में घर खरीदना आम लोगों की पहुंच से दूर
Affordable housing crisis in Pune: Home buying out of reach for common man in Pune

मकानों की कीमत में 11 प्रतिशत का उछाल

Affordable Housing Crisis in Pune : बढ़ती महंगाई की वजह से घरों की कीमतों में लगातार पांचवें वर्ष उछाल आया हैं. इसका परिणाम घरों की बिक्री पर हो रहा है. पुणे शहर में घरों की कीमतें औसतन 10.98 प्रतिशत बढ़कर 6,590 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई है. इसलिए घरों की कीमतें आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गया हैं. दूसरी ओर, लक्जरी घर खरीदने के प्रति उपभोक्ताओं का रुझान बढ़ा है. इसकी वजह से नई परियोजनाओं में लक्जरी घर बनाने वाले प्रोजेक्ट्स में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यह 2022 में कम कीमत वाले बेचे गए 1.03 लाख घरों से घटकर 2023 में लगभग 94,500 घर और 2024 में लगभग 90,000 घरों की बिक्री हुई है. समग्र बिक्री मात्रा में गिरावट चिंताजनक है. डेवलपर्स ने 2022 में 1.03 लाख नए घर लॉन्च किए थे. 2023 में यह थोड़ा कम होकर 96,350 तक आ गया. यह खुलासा 14वीं GERA पुणे आवासीय रियलिटी रिपोर्ट से हुआ है. 2024 में यह घटकर घरों की बिक्री लगभग 91,400 तक नीचे आ गई है.

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1 BHK मकानों की बिक्री में भारी गिरावट
इस वर्ष लक्जरी घरों की बिक्री में वृद्धि हुई है. 5 साल पहले (2019 में) 3 और 4 बेडरूम वाले अपार्टमेंट की बाजार हिस्सेदारी 6.2 प्रतिशत थी. 2024 में 3 और 4 बेडरूम वाले अपार्टमेंट की बाजार हिस्सेदारी 34.15 प्रतिशत तक बढ़ गई है. स्वाभाविक रूप से, उपभोक्ता बड़े घरों की ओर अपना रुख कर रहे हैं. इस अवधि में 1-बेडरूम वाले घरों की हिस्सेदारी 49.10 प्रतिशत से घटकर 11.58 प्रतिशत हो गई है. इसलिए 1 BHK मकानों की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है.

Affordable Housing Crisis in Pune : आम आदमी की पहुंच से दूर हो रहा है घर
नई रिपोर्ट से इस बात का खुलासा होता है कि बड़े मकानों की कीमतें भी स्थिर है और उन घरों के खरीदार भी बढ़े है. लेकिन वन बीएचके मकानों की कीमतें में जिस तरह का इजाफा हुआ है उससे अब मध्यम वर्ग के लिए पुणे में अपना घर एक सपना बनता जा रहा है. मध्यम वर्ग की पहुंच से दूर होते घर खरीदने के खरीदार ही कम नहीं आ रहे है बल्कि इसके निर्माण भी कम हुए है. अब डेवलपर्स की तरफ से बड़े आकार के मकान बनाने को प्राथमिकता दी जा रही है.

हाल के दिनों में जिस तरह से छोटे मकानों की कीमत में इजाफा हुआ है उसके बाद मध्यम वर्ग और निचले तबके के लोगों के लिए अपने घर का सपना करने की एकमात्र रास्ता सरकारी घर बची है. इसलिए ऐसे उपभोक्ता प्रधानमंत्री आवास योजना, म्हाडा के घरों के लिए कदम आगे बढ़ा रहे है और इससे जुड़ी प्रक्रियाएं पूरी कर रहे है. देश में सभी को घर देने की योजना के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना अब मीडिल क्लास के लिए उनके सपने पूरा करने का एक मात्र रास्ता बन गया है.

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