मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुती को ऐतिहासिक जीत दिलाने में “मुख्यमंत्री लाडकी बहन योजना” ने अहम भूमिका निभाई। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये दिए जाते थे, और अब इसे बढ़ाकर 2,100 रुपये करने का वादा किया गया है। हालांकि, चुनाव के बाद योजना के नियमों में बदलाव की अटकलों ने लाभार्थियों के बीच चिंता पैदा कर दी थी।
अजित पवार ने दिया जवाब
इस मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने स्पष्ट किया कि “कार्यवाहक सरकार योजना के नियमों में कोई बदलाव नहीं करेगी।” पुणे में सामाजिक कार्यकर्ता बाबा आढाव से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए पवार ने कहा कि सरकार ने जो वादे किए हैं, वे पूरे किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पात्रता जांच के दौरान किसी भी महिला को योजना से बाहर नहीं किया जाएगा, जब तक कि वे सभी शर्तें पूरी कर रही हों।
क्या था नियम बदलने का डर?
इस योजना के तहत लाभ पाने के लिए एक शर्त यह थी कि परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक न हो। चुनाव के बाद चर्चा थी कि राज्य की वित्तीय स्थिति देखते हुए सरकार पात्रता मानदंड कड़ा कर सकती है और केवल चुनिंदा महिलाओं को ही इसका लाभ मिलेगा। इन अटकलों पर पवार ने विराम लगा दिया।
पिछले 5 महीनों का भुगतान
जुलाई से नवंबर 2024 तक महिलाओं को 1,500 रुपये की पांच किश्तें जारी की गई हैं। हालांकि, चुनाव आचार संहिता के कारण दिसंबर का भुगतान रोक दिया गया था। अब चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद, लाभार्थी इस बात का इंतजार कर रही हैं कि उन्हें बढ़ी हुई राशि (2,100 रुपये) कब से मिलेगी।
पवार के इस बयान ने योजना से जुड़ी महिलाओं की चिंताओं को दूर कर दिया है और यह स्पष्ट कर दिया है कि योजना में कोई बड़ा बदलाव फिलहाल नहीं किया जाएगा।