अमरावती : आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने राज्य के वक्फ बोर्ड को भंग करने का निर्णय लिया है। सरकार का कहना है कि यह कदम वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। हालांकि, इस फैसले ने विपक्षी दलों और मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग के बीच विवाद खड़ा कर दिया है।
राज्य सरकार ने वक्फ बोर्ड के पुनर्गठन के लिए एक विशेष समिति का गठन करने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें सभी समुदायों और हितधारकों का प्रतिनिधित्व होगा।विपक्षी दलों का आरोप है कि यह कदम मुस्लिम समुदाय की संस्थाओं पर हमला है और वक्फ संपत्तियों को निजीकरण की ओर धकेलने का प्रयास है। वहीं, तेदेपा (तेलुगु देशम पार्टी) के नेता और नायडू ने कहा है कि वक्फ संपत्तियों की रक्षा के लिए पारदर्शी और निष्पक्ष निर्णय लिए जाएंगे।
यह मामला संसद में लंबित वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 से भी जुड़ा हुआ है, जिसे लेकर पहले से विवाद चल रहा है। इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत की जाएगी।