खेल की दुनिया में ग्लैमर, नाम और रिश्तों का कनेक्शन हमेशा से ही एक हॉट टॉपिक रहा है। खासकर क्रिकेटर के बच्चों की क्रिकेट से जुड़ी कहानी में एक अलग ही चमक और क्रेज़ देखने को मिलता है। क्या ये बच्चे खुद मैदान में उतरना पसंद करते हैं या किसी और क्रिकेटर के साथ अपनी लव स्टोरी सजाते हैं? चलिए, जानते हैं क्रिकेटर्स के इस फैमिली ट्रेंड की गहराई।
क्रिकेट की दुनिया में यह बात काफी ट्रेंड में है कि क्रिकेटर्स के बच्चे या तो खुद इस खेल में उतरना पसंद करते हैं या फिर किसी और क्रिकेटर के परिवार में शादी कर लेते हैं। आखिर क्या है इसकी खास वजह?
क्रिकेट के ग्लैमर और सम्मान का हिस्सा बनना कई क्रिकेटर परिवारों का सपना होता है। बचपन से ही क्रिकेटर्स के बच्चों के कानों में स्टेडियम की गूंज, दर्शकों का शोर, और ताजगी भरी वॉशरूम-कम-ड्रेसिंग रूम की बातें सुनाई देने लगती हैं। इनका बचपन वही जगह होती है जहाँ बड़े-बड़े टूर्नामेंट्स की कहानियाँ, रिकॉर्ड तोड़ने के लक्ष्य, और मशहूर क्रिकेटर्स का ध्यान होता है।
रुतबे का खेल
क्रिकेट में नाम, पैसा और सम्मान का आकर्षण भी इनकी पसंद को बनाये रखता है। धोनी की बेटी से लेकर सचिन के बेटे अर्जुन तेंदुलकर तक, सभी बच्चों पर कहीं न कहीं अपने माता-पिता की लिगेसी को कायम रखने का दबाव होता है। ऐसे में वो खुद को क्रिकेट की चमक-दमक में शामिल पाते हैं। अर्जुन तेंदुलकर जैसे क्रिकेटर्स के बच्चों के लिए यह सपनों को पूरा करने की तरह होता है।
फैमिली, फ्रेंड्स और फ्यूचर
क्रिकेटर्स का निजी और प्रोफेशनल लाइफ भी कहीं न कहीं इस ट्रेंड का कारण बनता है। पेस्टर या हरभजन जैसे उदाहरणों से यह बात साफ़ होती है कि क्रिकेटर्स का आपस में मिलना और फिर शादी करना, एक लोकप्रिय ट्रेंड है। वे एक-दूसरे के जीवन की कठिनाइयों को बेहतर समझ पाते हैं और अपने पार्टनर को समझने में आसानी महसूस करते हैं।
क्या कहता है सोशल मीडिया?
ट्विटर और इंस्टाग्राम पर फैंस के सवाल – क्या क्रिकेटर्स का रिलेशनशिप और शादी का फैसला फेम से प्रेरित है? या यह महज उनकी पर्सनल चॉइस होती है? – इसका जवाब ढूंढने के लिए फैंस में उत्सुकता देखी जा रही है। खासकर जब विराट-अनुष्का, जसप्रीत-संजीता या रोहित-रितिका की शादी की बात आती है।
तो, इस चर्चे का यही जवाब है कि ये फ़ैसले किसी एक कारण से नहीं, बल्कि खेल, सम्मान, फ़ैमिली और फैंस की प्रेरणा से जुड़ते हैं। क्या यही ट्रेंड आगे भी देखने को मिलेगा?
खेल, ग्लैमर और रिश्तों का ये तालमेल सिर्फ नामी क्रिकेटर्स तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उनके परिवार और आने वाली पीढ़ी पर भी इसका गहरा असर है। क्रिकेट के इस मोहक सफर में ये देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में क्या हमें कुछ और ‘क्रिकेट लव स्टोरीज’ देखने को मिलेंगी।