पुणे: पुणे में एक रैली के दौरान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने “वोट जिहाद” का मुद्दा उठाते हुए मुस्लिम मतदाताओं के भाजपा विरोधी ध्रुवीकरण पर सवाल खड़े किए। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताते हुए कहा कि “वोट जिहाद” का जवाब “धर्मयुद्ध” के जरिए देना होगा। फडणवीस ने दावा किया कि मालेगांव जैसे इलाकों में भाजपा मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के कारण पिछड़ गई थी।
इस पर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भाजपा और फडणवीस अब धार्मिक भावनाओं को भड़काकर मतदाताओं को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। ठाकरे ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा “हिंदुत्व की मूल भावना” को छोड़कर “सांप्रदायिक राजनीति” का सहारा ले रही है। उन्होंने इसे भाजपा का हताशा भरा प्रयास करार दिया और कहा कि महाराष्ट्र के मतदाता इन चालों को समझते हैं।
यह मुद्दा राजनीतिक ध्रुवीकरण को और बढ़ा रहा है, जहां भाजपा हिंदुत्व के जरिए मतदाताओं को संगठित करने की कोशिश कर रही है, जबकि विपक्ष इसे विभाजनकारी राजनीति बता रहा है। दोनों पक्ष 20 नवंबर के चुनाव को निर्णायक मानते हुए अपने मुद्दों को जोर-शोर से प्रचारित कर रहे हैं।
यह स्पष्ट है कि इस बयानबाजी ने चुनावी माहौल को और गरमा दिया है, जिससे महाराष्ट्र की राजनीति और अधिक दिलचस्प हो गई है।