मुंबई: महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के विधायक संजय शिरसाट ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि इस बार एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री पद नहीं लेंगे। यह निर्णय महायुति के तीनों घटक दलों – शिवसेना (शिंदे गुट), बीजेपी और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी – के शीर्ष नेताओं के बीच हुई चर्चा के आधार पर लिया गया है।
नई कैबिनेट में संतुलन और नए चेहरे
संजय शिरसाट ने कहा कि सरकार में संतुलन बनाए रखने के लिए शीर्ष नेता इस बार नए चेहरों को प्राथमिकता देंगे। उन्होंने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह में कुछ मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी, और नई कैबिनेट में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायकों ने सरकार के गठन के लिए बड़ा बलिदान दिया है, और इस वजह से पार्टी के नेताओं को ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। शिरसाट ने नए चेहरों के शामिल होने को सरकार के आगामी कार्यकाल के लिए महत्वपूर्ण बताया, ताकि सभी घटकों को समान अवसर मिल सके।
महायुति की नई रणनीति
शिरसाट ने स्पष्ट किया कि महायुति गठबंधन के तहत मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद को लेकर अंतिम फैसला सर्वसम्मति से लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी घटक दल इस रणनीति के तहत काम कर रहे हैं ताकि आने वाले चुनावों के लिए मजबूत प्रदर्शन सुनिश्चित किया जा सके।
महायुति सरकार का यह निर्णय उनकी राजनीतिक रणनीति को दर्शाता है, जिसमें गठबंधन के हितों को संतुलित करने और जनता का विश्वास जीतने पर जोर दिया गया है। नए चेहरों की भागीदारी से आगामी विधानसभा सत्रों में महायुति की सक्रियता और मजबूती देखने को मिलेगी।