आदित्य बोले – ‘दोनों भाई साथ न आएं इसलिए…’
ठाकरे बंधु : महाराष्ट्र सरकार द्वारा पहली से चौथी कक्षा तक के छात्रों के लिए तीसरी भाषा (हिंदी) को अनिवार्य करने के फैसले के खिलाफ राज्यभर में विरोध हो रहा था। इस विवाद ने बड़ा मोड़ तब लिया जब शिवसेना (ठाकरे गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने 5 जुलाई को मुंबई में संयुक्त मोर्चा निकालने की घोषणा की थी। बता दें, बीते 20 वर्षों में पहली बार ठाकरे बंधु एक साथ सार्वजनिक मंच पर आने वाले थे। लेकिन इससे पहले ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विवादास्पद हिंदी भाषा संबंधी शासन निर्णय (GR) को रद्द करने की घोषणा कर दी।
आदित्य ठाकरे का तंज: ‘दोनों भाई एक न हो जाएं, इसलिए डर गई सरकार’
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा, “महाराष्ट्र की एकजुटता जीत गई। सरकार ने इसीलिए निर्णय बदला कि कहीं दोनों भाई एक न हो जाएं। 5 जुलाई को हमारी ताकत दिखती और लोगों का समर्थन भी साफ दिख रहा था।”
व्हाट्सएप पर लेटेस्ट अपडेट चैनल को आज ही फॉलो करें:
https://whatsapp.com/channel/0029Vb2Z6498F2pHMwM9YA1S
उद्धव ठाकरे बोले – यह मराठी अस्मिता की जीत है
मातोश्री में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा, “पहली से हिंदी की अनिवार्यता के खिलाफ मराठी जनता एकजुट हुई। जनता के दबाव में आकर ही सरकार को निर्णय वापस लेना पड़ा। अब 5 जुलाई को विरोध मोर्चा नहीं बल्कि विजय मोर्चा निकाला जाएगा।”
उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी नहीं चाहती कि मराठी एकजुटता सामने आए, लेकिन जनता की एकता के आगे सरकार को झुकना पड़ा।
सूत्रों के अनुसार, तीसरी भाषा लागू करने वाला दोनों GR रद्द होने के बाद, 5 जुलाई को शिवसेना (उद्धव गुट) और मनसे मिलकर विजय मोर्चा निकालने की योजना बना रही हैं। उद्धव ठाकरे ने इस दिन को “एकता और जीत” के रूप में मनाने की बात कही है। उधर, राज ठाकरे ने भी पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें तय किया जाएगा कि मनसे 5 जुलाई की रैली में किस तरह से हिस्सा लेगी।
रेलवे टिकट चार्ट में बड़ा बदलाव: अब 8 घंटे पहले बनेगा चार्ट, दिसंबर 2025 तक नई PRS प्रणाली लागू