पंढरपुर वारी: आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर में लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पंढरपुर पहुंचते हैं. इस वर्ष भी बड़ी संख्या में भक्तों के आगमन को ध्यान में रखते हुए मंदिर समिति द्वारा व्यापक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. मंदिर समिति के सह-अध्यक्ष गहिनीनाथ महाराज औसेकर ने जानकारी दी है कि 27 जून से श्री के लिए 24 घंटे दर्शन की विशेष व्यवस्था शुरू की जाएगी. जिससे श्रद्धालुओं को सुगम और तेज दर्शन मिल सके. (पंढरपुर वारी)
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आषाढ़ी यात्रा की तैयारियों को लेकर विठ्ठल-रुक्मिणी भक्तनिवास में समिति की बैठक संपन्न हुई, जिसकी अध्यक्षता गहिनीनाथ महाराज औसेकर ने की. बैठक में मंदिर समिति की सदस्य शकुंतलाताई नडगिरे, डॉ. दिनेशकुमार कदम, भास्करगिरी बाबा, संभाजी शिंदे, ह.भ.प. ज्ञानेश्वर देशमुख जळगांवकर, एड. माधवी निगडे, ह.भ.प. प्रकाश जवंजाळ, ह.भ.प. शिवाजीराव मोरे, कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र शेळके, व्यवस्थापक मनोज श्रोत्री, लेखाधिकारी मुकेश अनेचा सहित पुरातत्व विभाग, सार्वजनिक बांधकाम विभाग, वास्तुविशारद तेजस्विनी आफळे और संरक्षण के ठेकेदार उपस्थित थे.
इस वर्ष आषाढ़ी एकादशी 6 जुलाई को है. आषाढ़ी यात्रा का कालावधि 26 जून से 10 जुलाई तक रहेगा. शासकीय महापूजा 6 जुलाई को प्रातः 2:20 बजे महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री एवं मान्यवर वारकरी संप्रदाय के प्रतिनिधियों द्वारा सपत्नीक संपन्न होगी. मंदिर और परिवार देवताओं के संरक्षण व संवर्धन के कार्य लगभग पूर्णता की ओर हैं. समिति के सह-अध्यक्ष औसेकर ने बताया कि टोकन दर्शन प्रणाली की पहली टेस्टिंग 15 जून को की जाएगी, जिससे व्यवस्था की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके.
श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध सुविधाएं इस प्रकार रहेंगी :-
दर्शन रांगों में बैरिकेडिंग और वाटरप्रूफ मंडप
4+6 पत्रा शेड
विश्राम कक्ष
फैब्रिकेटेड शौचालय
लाइव दर्शन की व्यवस्था
कुलर पंखे
सार्वजनिक सूचना प्रणाली
मिनरल वॉटर
सुरक्षा रक्षकों की नियुक्ति
आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधा
चाय और खिचड़ी वितरण
24 घंटे का अन्नछत्र
बैग स्कैनिंग मशीन
हिरकणी कक्ष
नदी क्षेत्र में चेंजिंग रूम आदि
13 जून को की जाएगी चंदन उटी पूजा
श्री विठ्ठल व श्री रुक्मिणी माता की यह पूजा क्रमशः समिति सदस्य एड. माधवी निगडे, कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र शेळके, सदस्य ह.भ.प. ज्ञानेश्वर देशमुख जळगांवकर एवं व्यवस्थापक मनोज श्रोत्री के शुभहस्तों से चंदन उटी पूजा संपन्न होगी. अंत में बैठक में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया कि मंदिर समिति के सह अध्यक्ष गहिनीनाथ महाराज औसेकर को शनिरत्न व मानवसेवा जीवन गौरव राज्यस्तरीय पुरस्कार प्राप्त होने पर अभिनंदन किया जाए.