Green Tax. राज्य सरकार की तरफ से उम्र खत्म हो चुके वाहनों से पर्यावरण टैक्स या ग्रीन टैक्स (Green Tax) वसूल किया जाता है. यह स्थानीय आरटीओ की तरफ से जमा किया जाता है. दिन प्रतिदिन वाहनों की संख्या बढ़ रही है. 15 वर्ष पुराने वाहन भी बढ़ रहे है. लेकिन, आरटीओ के नियमों को पूरा करते हुए पर्यावरण टैक्स ( ग्रीन टैक्स) भरने वालों की संख्या इस बार कम हो गई है. इसके जरिए जमा किए गए टैक्स पर्यावरण से जुड़े काम के लिए इस्तेमाल करना आवश्यक है. इसके बावजूद ऐसा नजर आ रहा है कि इस टैक्स से सरकार की तिजोरी भरी जा रही है.
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जिन कार व बाइक की उम्र 15 वर्ष से अधिक हो चुकी है ऐसे वाहनों से 14.3 से 27.1 ग्राम कार्बन मोनॉक्साइड उत्सर्जित होता है. इसलिए, ऐसे वाहन सर्वाधिक प्रदूषण की वजह बनते है. यह निष्कर्ष निकाला गया है. इसके अनुसार राज्य सरकार ने ऑक्टोबर 2010 में हरित कर (ग्रीन टैक्स) लागू किया. तदनुसार, ऐसे वाहनों पर आरटीओ के माध्यम से कर वसूला जाता है, जबकि आरटीओ उन वाहनों पर नजर रखता है जो इस कर की चोरी करते हैं. इसके सभी प्रभार और शक्तियां आरटीओ को हस्तांतरित कर दी गई हैं.
इस बीच, हरित कर एकत्र कर सरकारी खजाने में जमा कर दिया जाता है. पिछले कुछ वर्षों में इस कर के माध्यम से दो करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व एकत्रित किया गया है. हालाँकि, इस वर्ष इस राजस्व में कमी आई है. दरअसल, जैसे-जैसे वाहनों की संख्या में प्रतिवर्ष वृद्धि हो रही है, आयु सीमा से अधिक पुराने वाहनों की संख्या में भी उसी हिसाब से वृद्धि होने की उम्मीद है. लेकिन, कई वाहनों ने इस कर की अनदेखी की. इसलिए, इस वर्ष यह कर चुकाने वाले वाहनों की संख्या में काफी कमी आई है. पिछले साल यानी अप्रैल से दिसंबर 2024 तक 8,455 वाहनों ने टैक्स का भुगतान किया और उससे 18 लाख रुपए टैक्स वसूला गया.
शहर में वाहनों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इससे प्रदूषण का स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है. इस पृष्ठभूमि में हरित कर एकत्र करके प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं. इसलिए, पर्यावरणविदों द्वारा यह प्रश्न भी उठाया जा रहा है कि लोगों को यह कर क्यों देना चाहिए. महत्वपूर्ण बात यह है कि इस कर के माध्यम से प्राप्त धनराशि का उपयोग पर्यावरणीय उद्देश्यों के लिए किया जाए. लेकिन, ऐसा होता हुआ प्रतीत नहीं हो रहा है.
बढ़ी हुई शुल्क के कारण भुगतान में लापरवाही
सरकारी आदेश के अनुसार, आरटीओ ने उन वाहनों पर कर बढ़ा दिया है जिनकी सेवा अवधि समाप्त हो चुकी है. पुराने वाहनों और आयु सीमा पूरी कर चुके वाहनों के लिए शुल्क में एक हजार से डेढ़ हजार तक की बढ़ोतरी की गई है, जबकि आठ साल से अधिक पुराने परिवहन वाहनों और भारी वाहनों पर भी वार्षिक शुल्क लगाया जाएगा . इसलिए, कई वाहन मालिकों ने इस शुल्क से मुंह मोड़ लिया है. इसके अलावा, इस पर जुर्माना भी लगाया जाता है.
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ग्रीन टैक्स (Green Tax) क्या है?
पुराने वाहनों से प्रदूषण अधिक होता है. इसलिए, प्रदूषण को कम करने के लिए कुछ लागत पुराने वाहनों से वसूल की जानी चाहिए, जिसके लिए कर वसूला जाता है. इसका नाम ग्रीन टैक्स रखा गया. कहा गया है कि इससे प्राप्त राजस्व का उपयोग पर्यावरण संरक्षण के लिए किया जाएगा.
पिंपरी-चिंचवड़ के उप क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी राहुल जाधव ने कहा कि ग्रीन टैक्स की अवधि समाप्त हो चुके वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. इसमें वाहन के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई, जिसमें वाहन को जब्त करना भी शामिल हो सकता है. तदनुसार, यह कार्रवाई शीघ्र ही की जाएगी.