बारामती: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में बारामती से उपमुख्यमंत्री अजित पवार का बयान सुर्खियों में है। उन्होंने कहा कि अगर वह किसी अन्य निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ते, तो जीत उनकी होती। बारामती में जनता की ओर से मिले समर्थन पर असंतोष जताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में किए गए उनके काम को नजरअंदाज करना अनुचित है।
अजित पवार ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर बारामती ने सही निर्णय नहीं लिया, तो क्षेत्र विकास कार्यों से वंचित रह सकता है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार की हार का भी जिक्र किया और कहा कि यदि मतदाता उन्हें नकारना चाहते हैं, तो वे खुद को अलग करने को तैयार हैं। इस दौरान उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत और सहयोग की सराहना की, लेकिन साथ ही क्षेत्रीय राजनीति में बढ़ती खींचतान पर चिंता जताई।
बारामती में बदलती राजनीतिक तस्वीर बारामती, जो लंबे समय से पवार परिवार का गढ़ रहा है, इस बार चर्चा का केंद्र बन गया है। अजित पवार और उनके भतीजे युगेंद्र पवार के बीच चुनावी टकराव की संभावना है। यह स्थिति शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट द्वारा युगेंद्र पवार को उम्मीदवार बनाने की संभावना से उत्पन्न हुई है। इससे विधानसभा चुनाव में क्षेत्रीय राजनीति और अधिक दिलचस्प हो गई है।बारामती और पूरे राज्य की राजनीति में अजित पवार का यह बयान और उनके फैसले विधानसभा चुनावों को महत्वपूर्ण बना रहे हैं। चुनाव के नतीजे 23 नवंबर 2024 को घोषित किए जाएंगे।