प्रसिद्ध गीतकार और लेखक जावेद अख्तर को बड़ा दिलासा मिला है। 2021 में उन्होंने एक इंटरव्यू में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और तालिबान की तुलना की थी, जिसके बाद उनके खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज की गई थी। अब, शिकायतकर्ता ने ईस केस को वापस लेने के बाद अब जावेद अख्तर को बरी कर दिया है।
क्या था मामला?
2021 में जावेद अख्तर ने एक इंटरव्यू में RSS, विहिप और बजरंग दल के उद्देश्यों को तालिबान जैसे बताया था। उनका कहना था, “तालिबान और RSS का उद्देश्य एक जैसा है। दोनों संगठनों की विचारधारा समान है।”
उनके इस बयान के बाद काफी चर्चा और विवाद हुआ था, कई राजनीतिक नेताओं और समाजिक संगठनों ने उनकी तीखी आलोचना की थी। इसके बाद उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दाखिल किया गया।
मानहानि का मुकदमा
2021 में मुंबई के वकील संतोष दुबे ने जावेद अख्तर के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज किया था। वकील ने भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और 500 (बदनामी) के तहत शिकायत की थी। शिकायत में आरोप था कि जावेद अख्तर के बयान से RSS के सदस्यों और अन्य संबंधित व्यक्तियों को मानसिक और सामाजिक नुकसान हुआ है।
इस मामले में काफी विवाद हुआ, लेकिन अब दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से इसे सुलझाने का फैसला किया। इसके बाद शिकायतकर्ता ने अदालत में आवेदन दाखिल कर मुकदमा वापस ले लिया।
अदालत ने दोनों पक्षों की सहमति के बाद जावेद अख्तर को बरी कर दिया।अदालत ने कहा, “दोनों पक्षों की सहमति के बाद इस मामले में कोई आगे की कार्रवाई की जरूरत नहीं है।”