विदेशी आक्रामक कुत्ते पालने का शौक आजकल बहुत बढ़ गया है. कई लोग उन्हें बच्चों की तरह पालते हैं. स्वाभाविक रूप से, ये कुत्ते पालतू होने के कारण घर में कहीं भी घूमते हैं. लेकिन कभी-कभी वे आक्रामक होकर इंसानों पर हमला करने लगते हैं. इसलिए विदेशी नस्लों के कुत्तों को पालते समय सावधानी बरतनी ज़रूरी है, नहीं तो यह श्वान प्रेम भारी पड़ सकता है. (विदेशी आक्रामक कुत्ते)
Air India विमान हादसे के बाद टिकट बुकिंग में 20% गिरावट, किराया 15% तक घटा
कुत्तों के हमलों में इंसानों की मौत की घटनाएं हुई हैं. केंद्र ने पिछले साल 23 विदेशी नस्लों के कुत्तों को घरों में पालने पर गंभीर संज्ञान लेते हुए प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन इस तरह का प्रतिबंध राज्य के लिए लागू नहीं होने के कारण शहरों में ये कुत्ते धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं. पशुपालन विभाग का कहना है कि इस बारे में कोई नियम या प्रतिबंध नहीं है.
देश में इस तरह के कुत्ते बड़ी मात्रा में बेचे जाते हैं. लेकिन, हाल ही में इन नस्लों के कुत्तों द्वारा इंसानों पर किए गए हमलों में वृद्धि हुई है. इसलिए अमेरिका, फ्रांस और अन्य 40 देशों ने ऐसे हिंसक कुत्तों पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं, कई देशों में पिटबुल नस्ल के कुत्तों को रिहायशी इलाकों या सोसायटियों में पालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस बीच, पिंपरी-चिंचवड शहर के पशु विक्रेताओं से इस बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि राज्य में ऐसे किसी भी प्रतिबंध का आदेश नहीं है. इसलिए इस तरह के आक्रामक व्यवहार करने वाले कुत्तों की बेधड़क बिक्री हो रही है.
पोमेरेनियन, लेब्राडोर, गोल्डन रिट्रीवर, जर्मन शेफर्ड, बीगल जैसे कुछ कुत्तों की बहुत मांग है. ये कुत्ते आमतौर पर रिहायशी इलाकों में शांति से घूम सकते हैं. इन कुत्तों से किसी को खतरा नहीं होता लेकिन पिटबुल, रॉटवेइलर, डोगो अर्जेंटिनो, अमेरिकन बुलडॉग, साइबेरियन हस्की जैसी नस्लें आक्रामक प्रकार की होती हैं. इसलिए श्वान प्रेमियों को ऐसे कुत्ते पालते समय सावधानी बरतनी चाहिए.
35 से 70 हज़ार रुपये है कीमत
इन नस्लों के कुत्तों की कीमत 35 से 70 हज़ार रुपये तक है. हालांकि, वर्तमान में कीमतें कम हो गई हैं. इन नस्लों के कुत्तों को पालना मुश्किल हो गया है. वास्तव में, इन्हें फार्म हाउस, खेतों जैसी खुली जगहों पर पाला जाता है. शहरों या रिहायशी इलाकों में ये कुत्ते आक्रामक हो जाते हैं. केंद्र सरकार द्वारा लगाया गया प्रतिबंध दो महीने बाद फिर से वापस ले लिया गया है. यह स्पष्ट किया गया है कि चौबीस कुत्तों की नस्लों के आयात, प्रजनन और बिक्री पर अगले आदेश तक प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा.
केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए संबंधित पत्र का पशु प्रेमियों द्वारा विरोध किया गया था. हालांकि, इस आदेश में स्पष्टता और कानूनी आधार न होने के कारण यह राज्य में लागू नहीं था. लेकिन, इस तरह के कुत्ते पालने वाले व्यक्तियों को सावधानी बरतनी चाहिए. साथ ही उनका पंजीकरण भी कराना ज़रूरी है. डॉ. शीतल कुमार मुकणे, सह आयुक्त, पशुसंवर्धन विभाग
व्हाट्सएप पर लेटेस्ट अपडेट चैनल को आज ही फॉलो करें:
https://whatsapp.com/channel/0029Vb2Z6498F2pHMwM9YA1S