MahaULB Portal : महाराष्ट्र में नागरिक शिकायतों के लिए पोर्टल लॉन्च, लेकिन निवासियों को कार्रवाई पर संदेह

Maharashtra launches portal for citizen complaints, but residents sceptical of action

पुणे : (MahaULB Portal) शहर लंबे समय से कचरे का जमाव, गड्ढे, गायब मैनहोल कवर, और खराब सड़कों जैसी नागरिक समस्याओं से जूझ रहा है। इन समस्याओं को उजागर करने के लिए निवासी सोशल मीडिया (Social media) का सहारा ले रहे हैं। पुणे नगर निगम (PMC) और पिंपरी-चिंचवड नगर निगम (PCMC) को टैग करते हुए नागरिक अपनी समस्याओं का समाधान चाह रहे हैं। हालांकि, कुछ शिकायतों का समाधान होता है, लेकिन कई बार वे अनसुनी रह जाती हैं। हालिया घटनाक्रम ने कुछ उम्मीद जरूर जगाई है।

महाराष्ट्र के शहरी विकास विभाग (UDD) ने एक सरकारी प्रस्ताव (GR) जारी किया है, जिसमें नागरिक गड्ढों, गायब मैनहोल कवर और कचरा समस्याओं से संबंधित शिकायतें सीधे आपले सरकार पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं। ये सेवाएं अब “राइट टू सर्विसेस एक्ट” (RTS) के तहत आती हैं, जो ऐसी शिकायतों पर समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करती हैं। GR के अनुसार, UDD द्वारा RTS के तहत अधिसूचित 70 सेवाओं में से 51 सेवाएं आपले सरकार और महाULB पोर्टल (MahaULB Portal) पर पहले से ही उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त, पांच सेवाएं विभिन्न सरकारी विभागों के पोर्टल्स पर उपलब्ध हैं। इन सेवाओं को शामिल करने का उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना और उनकी रोजमर्रा की समस्याओं का समय पर समाधान प्रदान करना है।

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नई व्यवस्था के तहत, गड्ढों और मैनहोल कवर से संबंधित शिकायतों को पांच कार्यदिवसों के भीतर हल करना अनिवार्य है, जबकि सफाई जैसे कचरा हटाने से संबंधित मुद्दों को 24 घंटे के भीतर निपटाना होगा। यदि शिकायतें समय सीमा के भीतर हल नहीं की जाती हैं, तो उन्हें आगे की कार्रवाई के लिए नगर आयुक्त को भेजा जाएगा।

हालांकि यह घोषणा आशाजनक दिखती है, कई निवासी इस नई व्यवस्था की प्रभावशीलता को लेकर संशय में हैं। औंध निवासी योगेश माली ने कार्यान्वयन को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सरकार नागरिकों को डिजिटलीकरण के जरिए आसान पहुंच प्रदान कर रही है, लेकिन देखा गया है कि इन मुद्दों को उठाने के बाद शिकायत दर्ज होती है और ज्यादातर समय बिना समाधान दिए टिकट बंद कर दिया जाता है। इस चरण पर कार्यान्वयन बहुत महत्वपूर्ण है।”

इसी तरह, हडपसर की निवासी मंजिरी जोगकर ने भी इस प्रणाली के प्रभाव पर संदेह जताया। उन्होंने कहा, “मुझे यह प्रणाली में बदलाव नहीं लगता। अधिकारी सुस्त हैं और ये सिर्फ ऐप्स और अन्य सुविधाएं लाते हैं, लेकिन स्थिति वैसी ही बनी रहती है। पिछले दो-तीन वर्षों से हमारे इलाके की सड़कों की हालत खराब है, दुर्घटनाएं हो रही हैं, लेकिन क्या अधिकारी जिम्मेदार हैं? नहीं। वे उंगली उठाते हैं और अपने रिकॉर्ड बनाए रखने के लिए आधा-अधूरा काम करते हैं, लेकिन स्थिति वही रहती है।”

पहले के प्रयासों में शिकायतों का समाधान न होने और जवाबदेही की कमी के कारण, नागरिक निराश हो गए हैं। डिजिटल समाधान की दिशा में प्रयास के बावजूद, इन प्लेटफॉर्म्स के क्रियान्वयन पर अभी भी सवाल खड़े हैं, खासकर जब शिकायतें बिना उचित कार्रवाई के बंद कर दी जाती हैं।

(MahaULB Portal)

कटराज की निवासी श्रेया टुपे ने भी नई प्रणाली को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा, “यह तभी मददगार हो सकता है जब उचित ट्रैकिंग और दंडात्मक कार्रवाई की जाए। RTS को प्रभावी बनाने के लिए सख्त उपाय महत्वपूर्ण हैं। इन समस्याओं को प्राथमिकता देना और सभी शहरी स्थानीय निकायों में समान कार्यान्वयन सुनिश्चित करना अधिक जरूरी है।”

 

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