Myanmar: में अराकान आर्मी और उसकी राजनीतिक शाखा यूनाइटेड लीग ऑफ अराकान ने स्वतंत्रता की ओर एक बड़ा कदम बढ़ाया है। रखाइन प्रांत में सक्रिय इस विद्रोही गुट ने अब तक 18 में से 15 शहरों पर कब्जा कर लिया है। हालांकि, तीन प्रमुख स्थान अब भी म्यांमार की सेना के नियंत्रण में हैं। इनमें भारत के सहयोग से निर्मित सित्तवे बंदरगाह, चीन की सहायता से बना क्याउकफ्यू बंदरगाह और मुआनांग शहर शामिल हैं।
2024 के अंत में अराकान आर्मी ने ग्वा शहर पर कब्जा कर लिया, और हाल ही में अन शहर को भी अपने नियंत्रण में ले लिया, जो पश्चिमी सैन्य क्षेत्रीय कमांड का मुख्यालय है। इसके अलावा, माउंगडॉ नगर, जो बांग्लादेश सीमा के पास स्थित है, को भी म्यांमार सेना से छीन लिया गया है। अब बांग्लादेश से लगने वाली पूरी सीमा अराकान आर्मी के नियंत्रण में आ चुकी है।
अगर यह विद्रोही गुट पूरे रखाइन प्रांत पर कब्जा करने के बाद स्वतंत्रता की घोषणा करता है, तो यह 1971 में बांग्लादेश के निर्माण के बाद एशिया में पहला सफल सैन्य विद्रोह होगा। अराकान आर्मी की इन सफलताओं ने म्यांमार सरकार के लिए गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रखे हुए है।