Pune IITM: भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान PUNE IITM, पुणे और अन्य संस्थाओं के शोधकर्ताओं ने डेंगू के संभावित प्रकोपों की भविष्यवाणी करने के लिए एक नया प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित किया है। यह प्रणाली तापमान, वर्षा और आर्द्रता जैसे जलवायु कारकों का उपयोग करके दो महीने पहले तक डेंगू के प्रकोप की संभावना को पहचानने में मदद करती है।
इस प्रणाली के अनुसार, यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो बढ़ते तापमान और मानसूनी वर्षा में उतार-चढ़ाव के कारण 2030 तक डेंगू से मौतों में 13% तक वृद्धि हो सकती है। वहीं, 2050 तक यह वृद्धि 23% से 40% तक हो सकती है।
यह अध्ययन पुणे में डेंगू के प्रभावों को लेकर किया गया है। इसमें बताया गया है कि 27°C से अधिक गर्म तापमान, समान रूप से वितरित वर्षा और 60%-78% तक आर्द्रता डेंगू के मामलों को बढ़ा सकती है। हालांकि, भारी बारिश मच्छर के अंडों और लार्वा को बहाकर डेंगू के प्रकोप को कम कर सकती है।
इस नई प्रणाली के जरिए, स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन को डेंगू के प्रकोप से निपटने के लिए दो महीने पहले तैयारी करने का समय मिल सकता है, जिससे डेंगू के मामलों और मौतों में कमी लाई जा सकती है।
यह चेतावनी प्रणाली खासतौर पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के चलते डेंगू जैसी बीमारियों के फैलने की संभावना को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।