पुणे मौसम विभाग लगाएगा 4 नए एक्स-बैंड रडार
X-Band Radars for Pre Rain Alert: पुणे में भारी वर्षा की भविष्यवाणी करना कई बार मुश्किल हो जाता है, इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है. ऐसे में अब मौसम विभाग द्वारा 4 नए एक्स-बैंड रडार लगाने का फैसला किया है. इससे पुणेकरों को अब 5 घंटे पहले ही मिल बारिश की जानकारी मिल जाएगी. उम्मीद है कि यह मानसून में काम आये. सितंबर 2024 में मुंबई के पनवेल, वसई-विरार, विले पार्ले और कल्याण-डोंबिवली क्षेत्रों में चार एक्स-बैंड रडार की स्थापना से यह सुविधा संभव हो पाई है. यह पूर्वानुमान मुंबई में बाढ़ आने से कम से कम पांच से छह घंटे पहले उपलब्ध होगा. यह रडार पुणे-कोंकण के कुछ क्षेत्र को कवर करेगी. (X-Band Radars for Pre Rain Alert)
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भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम), पुणे ने मुंबई में एक्स-बैंड रडार का एक नेटवर्क स्थापित किया है. रडार नेटवर्क, जिसे सितम्बर 2024 में स्थापित किया जाना है, का परीक्षण पिछले वर्ष किया गया था. हालाँकि, तब तक बरसात का मौसम ख़त्म हो चुका था. लेकिन, इस वर्ष मुंबई के 138 स्टेशनों पर लगे वर्षा रडार पहली बारिश से ही यह जानकारी देने के लिए तैयार हैं. वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इससे पुणे शहर और कोंकण क्षेत्र को कुछ हद तक लाभ होगा.
भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे ने मुंबई में वास्तविक समय मौसम निगरानी को बढ़ाने के उद्देश्य से मुंबई में भारत का पहला शहरी रडार नेटवर्क स्थापित किया है. जिसमें चार एक्स-बैंड ध्रुवीय रडार का नेटवर्क सुसज्जित किया गया है. यह नेटवर्क इस वर्ष के मानसून मौसम का पांच से छह घंटे तक विस्तृत अवलोकन उपलब्ध कराएगा.
ये चार एक्स-बैंड रडार पनवेल, वसई-विरार, विले पार्ले और कल्याण-डोंबिवली में स्थापित किए गए हैं. जो सम्पूर्ण मुंबई महानगर क्षेत्र को व्यापक कवरेज प्रदान करेगा. प्रत्येक रडार से प्राप्त डेटा को एक प्रणाली में एकीकृत किया जाएगा, जो पूरे मुंबई में मौसम प्रणालियों की वास्तविक समय पर ट्रैकिंग प्रदान करेगा. यह मुंबई के मौसम पैटर्न की पूरी और निरंतर जानकारी उपलब्ध कराएगा. यह नेटवर्क क्षेत्र में वर्षा की निगरानी और पूर्वानुमान क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा.
पारंपरिक मौसम रडार में आमतौर पर एस-बैंड रडार होता है. एंटीना का व्यास लगभग 8 मीटर है. दूसरा प्रकार सी-बैंड रडार है जिसका एंटीना 4 मीटर व्यास का होता है. ये राडार बड़े पैमाने पर मौसम पैटर्न जैसे निम्न दबाव वाले क्षेत्रों और चक्रवातों की निगरानी के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. उन्हें बड़े बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है. मुंबई जैसे शहरों में ऊंची इमारतें भी रडार सिग्नल को अवरुद्ध कर सकती हैं. इससे जमीन के निकट मौसम की घटनाओं का पता लगाने में रडार की प्रभावशीलता कम हो जाती है.
एक्स बैंड की विशेषताएं क्या हैं?
मुंबई में ऊंची इमारतों के विकल्प के रूप में 1 मीटर व्यास वाले चार एक्स-बैंड रडार सितंबर 2024 में चालू किए गए. इन्हें उच्च रिज़ॉल्यूशन के साथ छोटे क्षेत्रों को कवर करने तथा सतह के नजदीक माप प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इससे वे स्थानीय मौसम की घटनाओं की निगरानी के लिए अधिक प्रभावी हो जाते हैं.
एक्स-बैंड रडार की विशेषताएं :
- नेटवर्क में शामिल चार रडारों में से प्रत्येक की रेंज 60 किलोमीटर है, जो मिलकर लगभग 50 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करेंगे.
- इस रडार द्वारा उत्पन्न मौसम संबंधी डेटा पांच मिनट से कम के अंतराल पर 50 मीटर के रिज़ॉल्यूशन के साथ उपलब्ध कराया जाएगा.
- उच्च-रिज़ॉल्यूशन डेटा से नाउकास्टिंग क्षमताएं बढ़ेगी. इससे स्थानीय मौसम की घटनाओं की वास्तविक समय पर निगरानी और पूर्वानुमान संभव हो सकेगा.
- मौसम वैज्ञानिकों का दावा है कि आईआईटीएम और आईएमडी के संयुक्त रडार अवलोकन से वास्तविक समय में उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाले वर्षा मानचित्र उपलब्ध होंगे, जिससे वर्षा के पूर्वानुमान में काफी सुधार होगा.
आईआईटीएम पुणे के शोधकर्ता ने बताया कि यह रडार मुख्यतः मुम्बई के 139 स्टेशनों को कवर करेगा. इसकी मारक क्षमता 2 से 120 किमी है. इतना ही। इसलिए यह रडार पुणे और कुछ हद तक कोंकण क्षेत्र के लिए पूर्वानुमान प्रदान करने में सक्षम होगा. इसमें भारी वर्षा, तूफान, बिजली गिरना तथा थोड़े समय के लिए भारी वर्षा शामिल है. जिसके कारण अक्सर शहर में बाढ़ आ जाती है. इससे समझने में मदद मिलेगी.
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