शहर में 102 अत्यधिक खतरनाक ‘वाड़े’ (पारंपरिक मकान) और इमारतें हैं जिनमें से 13 वाड़ों के हिस्से को पुणे महानगरपालिका (मनपा) के निर्माण विभाग ने सुरक्षा कारणों से ध्वस्त कर दिया है. निर्माण विभाग ने आगामी 7 जून तक शहर के 50 से 60 अत्यधिक खतरनाक वाड़ों के हिस्सों को ध्वस्त करने की योजना बनाई है.
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हर साल मानसून शुरू होने से पहले, महानगरपालिका शहर के खतरनाक वाड़ों और इमारतों का सर्वेक्षण करती है और उन्हें नोटिस जारी करती है. मनपा द्वारा किए गए सर्वेक्षण में शहर में 102 खतरनाक वाड़े पाए गए हैं, जिन्हें निर्माण विभाग ने नोटिस जारी किया है. ये पुराने वाड़े और इमारतें शहर के मध्य भाग में स्थित हैं. इनके मालिकों और किरायेदारों के बीच विवाद के कारण कई मामले अदालतों में लंबित हैं. नतीजतन, अधिकांश जगहों पर कोई नहीं रहता है और अदालती विवाद के कारण उनका रखरखाव या मरम्मत भी नहीं की जाती है. इससे ये पुराने वाड़े-इमारतें और भी खतरनाक हो गए हैं.
मानसून में इन वाड़ों के गिरने का खतरा अधिक होता है. इसलिए, मनपा हर साल ऐसी संपत्तियों का सर्वेक्षण करती है. इसके अनुसार, इन संपत्तियों को अति-खतरनाक, खतरनाक और कम खतरनाक श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है. अत्यधिक खतरनाक इमारतों और वाड़ों को सुरक्षा के लिए मनपा द्वारा गिराया जाता है, और इसका खर्च संबंधित पक्षों से वसूल किया जाता है. निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई हर साल मई और जून महीने में की जाती है.
मनपा के निर्माण विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण में शहर में 102 अत्यधिक खतरनाक इमारतें और पुराने वाड़े पाए गए हैं. इनमें से 77 जगहों पर वर्तमान में नागरिक रह रहे हैं. मनपा ने इन वाड़ों को महाराष्ट्र प्रादेशिक नियोजन व नगररचना अधिनियम की धारा 160 (बी) और (सी) के तहत नोटिस जारी कर उन्हें तुरंत खाली करने का आदेश दिया है. अब तक, मनपा के निर्माण विभाग ने शहर के 13 अत्यधिक खतरनाक वाड़ों के खतरनाक हिस्सों को ध्वस्त कर दिया है. जून के पहले सप्ताह तक, शेष अत्यधिक खतरनाक वाड़ों के हिस्सों को भी ध्वस्त कर दिया जाएगा.
पुणे महानगरपालिका के शहर अभियंता प्रशांत वाघमारे ने कहा कि शहर के अत्यधिक खतरनाक वाड़ों और इमारतों को निर्माण विभाग ने नोटिस जारी कर उनमें नहीं रहने की सलाह दी है. नागरिकों की सुरक्षा के लिए 13 ऐसे वाड़ों के हिस्से ध्वस्त दिए गए हैं, जहां खतरनाक हिस्सा ढह सकता था और दुर्घटना हो सकती थी. यह कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी.
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