पुणे महानगरपालिका: शहर में किसी भी आपदा या संकट की स्थिति में नागरिकों को तुरंत मदद मिल सके, इसके लिए पुणे महानगरपालिका ने एक अत्याधुनिक आपदा नियंत्रण कक्ष की स्थापना की हैं. यह कक्ष अब पूरी तरह से कार्यान्वित हो गया है और इसमें शहर भर में लगे 2000 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की निगरानी की सुविधा उपलब्ध है. इससे शहर के अलग-अलग हिस्सों की स्थिति पर सीधे नजर रखी जा सकेगी और किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत राहत कार्य शुरू किया जा सकेगा.
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मुंबई, नागपुर की तर्ज पर कक्ष तैयार
यह नियंत्रण कक्ष महापालिका मुख्यालय की इमारत के दूसरे माले पर शुरू किया गया है. पुणे शहर में पालकी यात्रा प्रवेश करने वाला है और इस यात्रा की निगरानी भी इसी कक्ष से की जाएगी. महापालिका और पुलिस विभाग द्वारा शहर में लगाए गए सभी सीसीटीवी कैमरों का नियंत्रण यहीं से होगा. मुंबई और नागपुर जैसे शहरों की तर्ज पर पुणे महापालिका ने यह आधुनिक कक्ष तैयार किया है. पिछले कुछ वर्षों में पुणे में बारिश का स्वरूप काफी बदला है. कम समय में अधिक वर्षा के कारण शहर के कई हिस्सों में अचानक बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है. जलजमाव के कारण यातायात प्रभावित होता है और दुर्घटनाएं भी बढ़ जाती हैं. बारिश के मौसम में सड़कें जलमग्न होना, पेड़ गिरना, इमारतों में नागरिकों का फंस जाना, आग लगना, घर गिरना जैसी कई घटनाएं होती हैं. इन आपदाओं से निपटने और त्वरित कार्रवाई के लिए यह नियंत्रण कक्ष महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
महापालिका के 15 क्षेत्रीय कार्यालयों में भी इसी प्रकार के नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्यरत रहेंगे. संबंधित अधिकारियों के नाम और संपर्क नंबर पुणे महापालिका की वेबसाइट पर सार्वजनिक किए गए हैं. साथ ही शहर में आपात स्थिति या बाढ़ की आशंका होने पर नागरिकों को अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए कुल 71 शेल्टर सेंटर (निवारा केंद्र) निर्धारित किए गए हैं. इस नियंत्रण कक्ष की जिम्मेदारी उपायुक्त संदीप खलाटे को सौंपी गई है.
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