Pune Real Estate News: पुणे में ‘अपना घर’ का सपना हर किसी का होता है. लेकिन बिल्डर तय नियमों और शर्तों का पालन नहीं करते. करोड़ों की धोखाधड़ी के मामलों में साथ ही ‘महाराष्ट्र अपार्टमेंट ओनरशिप एक्ट’ (मोफा) के तहत भी मामले दर्ज किए गए हैं. पिछले 11 सालों में 131 बिल्डरों पर मोफा के तहत केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें कई नामी बिल्डर भी शामिल हैं. (Pune Real Estate News)
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शहर का लगातार हो रहा विस्तार
पुणे का विस्तार हुआ है. उपनगरों से लेकर राजमार्गों के किनारे और अब तो जिले के गांवों की सीमाओं पर भी इमारतों के ऊंचे महल खड़े हो गए हैं. भले ही इमारतों ने पुणे के प्राकृतिक सौंदर्य की जगह ले ली हो, लेकिन अभी भी ‘प्राकृतिक सौंदर्य वाले घर का सपना देख रहे हैं, तो यहां आपके लिए अपना घर है,’ इसी तरह के विज्ञापन किए जाते हैं. इससे पहले, हजारों नागरिक पुणे की ओर एक आरामदायक शहर के रूप में भाग रहे हैं. ऐसे शहर में अपना भी एक घर हो, यह सोचना स्वाभाविक है. शिक्षा, नौकरी के साथ-साथ सेवानिवृत्ति के बाद भी कई लोग यहां बस जाते हैं. फिर, ऐसे शहर में कड़ी मेहनत करके पाई-पाई जोड़कर और जरूरत पड़ने पर कर्ज का बोझ उठाकर ‘मध्यम वर्ग’ एक घर के लिए लाखों रुपये बिल्डरों के हाथों में दे देते हैं. वे घर के सपने के पूरे होने का इंतजार करते हैं.
पाई-पाई जोड़कर करते हैं जमा
लेकिन, कई लोगों को कुछ ही सालों में निराशा हाथ लगती है. घर का सपना तो अंधेरे में ही रहता है, लेकिन पाई-पाई से जमा किया गया पैसा भी उन्हें अंधेरे के गर्त में धकेल देता है. दिया गया पैसा वापस नहीं मिलता और न ही सपनों का घर. फिर, पुलिस थानों के चक्कर और अदालतों की सीढ़ियां चढ़ते हुए जीवन का अंत हो जाता है.
इसी तरह के मामलों में, पिछले 11 सालों में शहर के हजारों आम लोगों के साथ धोखाधड़ी के मामलों में कुल 131 बिल्डरों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं. इसमें धोखाधड़ी की रकम भी करोड़ों में है. पुलिस के अनुसार, कई मामलों में आर्थिक धोखाधड़ी नहीं होने की भी बात कही गई है.