पुणे रिंग रोड परियोजना को मिली रफ्तार: पुणे में यातायात और शहरी विकास को नया आयाम देने वाली रिंग रोड परियोजना ने रफ्तार पकड़ ली है। लगभग ₹42,711 करोड़ की लागत से बन रही 172 किलोमीटर लंबी छह लेन एक्सप्रेसवे परियोजना अब तेजी से जमीन पर उतर रही है। बता दें, हाइवे निर्माण के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण का बड़ा हिस्सा पूरा हो चुका है और निर्माण कार्य कई क्षेत्रों में प्रारंभ भी हो चुका है। यह परियोजना महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (MSRDC) द्वारा, पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (PMRDA) के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है। रिंग रोड को पूर्व और पश्चिम में चार चरणों में विकसित किया जा रहा है। (पुणे रिंग रोड परियोजना को मिली रफ्तार)
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परियोजना की मुख्य विशेषताएं:
इस रिंग रोड की लंबाई 172 किमी रहेगी। इसमें छह लेन हाइवे और दो सर्विस लेन रहेगी। इस परियोजना की कुल लागत लगभग ₹42,711 करोड़ है। इसके
प्रस्तावित संपर्क मार्ग पुणे-नाशिक, मुंबई-पुणे-सोलापुर, पुणे-सातारा, पुणे-अहमदनगर हाइवे रहेंगे। इस परियोजना से 29 गांवों में बड़े बदलाव होंगे। इस रिंग रोड को पूरा करने के लिए कुल 1,740 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है, इसमें से 24% कार्य वाघोली, वाडाचिवाडी में तेजी से जारी है।
परियोजना के तहत फ्लायओवर, पुल, वायाडक्ट (Viaducts) जैसी संरचनाओं का निर्माण भी किया जाएगा, जिससे उपनगरों को मुख्य शहर से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। पहले से पिछड़े इलाकों में अब वाणिज्यिक और रियल एस्टेट विकास की संभावनाएं बढ़ गई हैं। MSRDC द्वारा बनाए गए ‘वार रूम’ निगरानी तंत्र के चलते कई क्षेत्रों में कार्य तय समय से पहले हो रहा है। मिट्टी परीक्षण, भूमि समतलीकरण जैसे कार्य शुरू हो चुके हैं और प्रगति पर विलंब पर दंड की सख्त नीति भी लागू की गई है।
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