Pune river pollution: 2024 में पुणे में आई भारी बाढ़ ने कई समस्याएं खड़ी की हैं। पर्यावरण कार्यकर्ता शैलजा देशपांडे ने मुला-मुठा और उनकी सहायक नदियों की उपेक्षा और बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि यदि इन नदियों की देखभाल सही से की जाए, तो बाढ़ की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम ने इन नदियों की सही देखभाल नहीं की है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। उदाहरण के तौर पर, येरवडा जेल में बाढ़ आई, जो मुख्य नदी से दूर था, और यह समस्या उपधाराओं के अवरुद्ध होने के कारण हुई। ब्लडवर्म और मच्छरों की समस्या भी बढ़ रही है, जो पानी के प्रदूषण (Pune river pollution )को दिखाता है। शैलजा देशपांडे का मानना है कि सहायक धाराओं की सफाई और अतिक्रमण को रोकने से बाढ़ की स्थिति में सुधार हो सकता है।
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यह वर्ष पुणे की नदियों के लिए गंभीर चिंताएं लेकर आया है, और अब देखना होगा कि प्रशासन इस समस्या का समाधान कैसे करता है।