राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज
मुंबई : महाराष्ट्र के आगामी विधानसभा चुनावों से पहले, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के बीच जुबानी जंग और तीखी हो गई है। राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे और शरद पवार पर यह आरोप लगाया कि वे मराठा आरक्षण आंदोलन का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ उठाने और जातिगत तनाव पैदा करने के लिए कर रहे हैं।
राज ठाकरे ने बीड जिले में अपने काफिले पर हुए हमले के बाद चेतावनी दी कि अगर उनकी सभाओं में बाधा डाली गई, तो वे उद्धव ठाकरे और शरद पवार की रैलियों को रोक देंगे। उन्होंने उद्धव को ‘स्थापित नेता’ और खुद को ‘विस्थापित’ बताते हुए कहा कि उनके साथ महाराष्ट्र के आम लोग हैं।
दूसरी ओर, उद्धव ठाकरे ने बीजेपी और राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी, चुनावी फायदा उठाने के लिए राज ठाकरे को अपने पक्ष में कर रही है। उन्होंने कहा कि शिवसेना (उद्धव गुट) अपनी हिंदुत्व विचारधारा के कारण अल्पसंख्यकों के बीच भी स्वीकार्य है, जबकि बीजेपी को राज्य में पीएम मोदी के नाम पर वोट नहीं मिल सकते।
राज और उद्धव ठाकरे के बीच यह संघर्ष राजनीतिक और पारिवारिक मतभेदों का प्रतीक है, जो 2006 में शिवसेना से राज के अलग होने के बाद शुरू हुआ था। चुनावी गहमागहमी के बीच यह विवाद और बढ़ने की संभावना है।