Ram Gopal Varma case: मुंबई स्थित एक अदालत ने चेक बाउंस मामले में बॉलीवुड के प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा (Ram Gopal Varma case) को तीन महीने की सजा सुनाई है। यह फैसला उनके नए फिल्म ‘सिंडिकेट’ की घोषणा से एक दिन पहले आया। यह मामला सात साल से कोर्ट में था और मंगलवार को अंधेरी मॅजिस्ट्रेट कोर्ट ने यह निर्णय सुनाया। हालांकि, राम गोपाल वर्मा इस फैसले के दिन अदालत में उपस्थित नहीं थे। अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया और पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कहा।
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राम गोपाल वर्मा को ‘नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट’ की धारा 138 के तहत सजा दी गई है। कोर्ट ने उन्हें तीन महीने के अंदर शिकायतकर्ता महेशचंद्र मिश्रा की श्री कंपनी को 3,72,219 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है। अगर वर्मा भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें तीन और महीने की सजा भुगतनी होगी।
यह मामला 2018 में शुरू हुआ था, जब महेशचंद्र मिश्रा की श्री कंपनी ने राम गोपाल वर्मा की ‘कंपनी’ फर्म से संबंधित एक चेक बाउंस मामले में शिकायत दर्ज की थी। राम गोपाल वर्मा की इस फर्म से ‘सत्या’, ‘रंगीला’, ‘कंपनी’ और ‘सरकार’ जैसी मशहूर फिल्में बनी थीं। हालांकि, हाल के सालों में उनके फिल्म प्रोडक्शन्स की संख्या में कमी आई और कोविड महामारी के दौरान कंपनी को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उन्हें अपना ऑफिस बेचना पड़ा।
राम गोपाल वर्मा को जून 2022 में पांच हजार रुपये के मुचलके पर जमानत मिली थी। अदालत ने सजा सुनाते हुए कहा कि ‘फौजदारी प्रक्रिया संहिता 1973 के अनुसार सेटऑफ का कोई सवाल नहीं उठता, क्योंकि आरोपी ने मुकदमे के दौरान हिरासत में कोई समय नहीं बिताया।’