मुंबई: महाराष्ट्र में महायुति (BJP-शिवसेना) गठबंधन को चुनाव में बहुमत मिलने के बावजूद मुख्यमंत्री पद पर फैसला न होने को लेकर शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने सख्त आलोचना की है। राउत ने कहा कि महायुति के पास स्पष्ट बहुमत होने के बावजूद मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं किया जा रहा है, जिससे जनता के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। उनका कहना था कि यह स्थिति सरकार की अनिश्चितता को दर्शाती है और प्रदेश की जनता इसका स्पष्ट जवाब चाहती है।
राउत ने महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले पर भी निशाना साधते हुए यह सवाल उठाया कि “क्या उनके पास राज्यपाल की शक्तियां आ गई हैं?” यह टिप्पणी इस बात पर थी कि बीजेपी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री की नियुक्ति में देरी क्यों हो रही है, जबकि महायुति के पास आवश्यक बहुमत है।
राउत ने स्पष्ट रूप से कहा कि देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाए जाने की आवश्यकता है, क्योंकि उनकी पार्टी को अधिक सीटें मिली थीं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर महाविकास आघाड़ी (MVA) के समय ऐसी स्थिति होती, तो राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाता, जिससे उनकी आलोचना की गई थी। राउत का कहना था कि यदि शिवसेना और उसके गठबंधन ने ऐसा किया होता, तो भाजपा तुरंत राष्ट्रपति शासन की मांग करती, लेकिन अब जब यह स्थिति भाजपा की है, तो यह नकारा जा रहा है।
बीजेपी का पक्ष यह रहा है कि मुख्यमंत्री पद पर फैसला केंद्रीय नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के आधार पर लिया जाएगा। भाजपा के कई नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री का नाम जल्द ही तय किया जाएगा, और इसमें कोई गंभीर देरी नहीं है।
यह विवाद महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद की नियुक्ति को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच बढ़ते तनाव का संकेत है। अब देखना यह होगा कि अगले कुछ दिनों में यह विवाद किस दिशा में आगे बढ़ता है।