मुंबई: संजय राउत ने हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। “सामना” में प्रकाशित अपने लेख रोखठोक में उन्होंने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की पारदर्शिता पर हमला करते हुए चुनाव प्रक्रिया पर गहन चिंतन व्यक्त किया। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे जनता की भावना के खिलाफ हैं और इसने लोकतंत्र को हानि पहुंचाई है।
राउत के प्रमुख आरोप:
- चुनावी आंकड़ों में विसंगति:
संजय राउत ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में 20 नवंबर को 5.70 करोड़ लोगों ने मतदान किया, लेकिन 23 नवंबर को मतगणना के दौरान 7.70 करोड़ वोट गिने गए। उन्होंने व्यंग्यात्मक रूप से पूछा, “क्या ईवीएम को गर्भ ठहर गया था?”
- नतीजों में उलटफेर:
राउत के अनुसार, मतगणना की शुरुआत में महाविकास आघाड़ी 138 सीटों पर आगे थी। लेकिन 10 बजे के बाद आंकड़े अचानक पलट गए, और महायुति ने 200 से अधिक सीटें जीत लीं।
- ईवीएम पर सवाल:
उन्होंने ईवीएम को लोकतंत्र के लिए एक “शाप” बताया और कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र को खत्म करने की ओर ले जा सकता है।
- चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल:
राउत का कहना है कि भाजपा, शिंदे गुट और अजित पवार के गठबंधन ने लोकतंत्र की हत्या की है।
संजय राउत ने स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र के लोग इन नतीजों पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मोदी-शाह की जोड़ी के रहते निष्पक्ष चुनाव की कल्पना नहीं की जा सकती।
इस के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है, जिसमें ईवीएम की विश्वसनीयता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।