पुणे मनपा (PMC) ने सांसद डॉ. मेधा कुलकर्णी के पत्र के बाद ईद के दूसरे दिन – जिसे आमतौर पर ‘बासी ईद’ कहा जाता है – सारस बाग गार्डन को बंद कर दिया है। इस कदम ने ऑनलाइन विवाद और कार्यकर्ताओं की तीखी आलोचना को जन्म दिया है।
सारस बाग पार्क को बंद किया गया है लेकिन उसके भीतर स्थित गणेश मंदिर को भक्तों के लिए खुला रखा गया है। इसलिए निर्णय से धार्मिक भेदभाव और सामाजिक बहिष्कार के आरोप लगे हैं।
शुक्रवार को सांसद मेधा कुलकर्णी ने पुणे नगर आयुक्त को पत्र लिखकर ईद के अगले दिन सरस बाग उद्यान बंद करने का अनुरोध किया था। अपने पत्र में उन्होंने कहा था कि मंदिर को हिंदू समुदाय के लिए सुलभ रखा जाए। उनकी अपील पर कार्रवाई करते हुए PMC ने शनिवार को नागरिक पार्क बंद कर दिया।
इस कदम से ऑनलाइन तीव्र प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। मुस्लिम राजनीतिक कार्यकर्ता जुबैर मेमन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “ईद के दूसरे दिन मुस्लिम समुदाय के लोग अपने परिवारों के साथ सार्वजनिक पार्कों और अपने आसपास के अन्य पर्यटन स्थलों पर जाते हैं। पुणे सांसद मेधा कुलकर्णी के पत्र का संज्ञान लेते हुए पुणे मनपा ने सार्वजनिक पार्क बंद कर दिया है। यह आधुनिक अछूतपन है। यहां प्रगतिशील हिंदू समाज को सही समय पर आगे आना चाहिए और इसके खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन करना चाहिए।”
बता दें, अपने पत्र में कुलकर्णी ने हिंदू संगठनों की शिकायतों का हवाला देते हुए सरस बाग में बासी ईद मनाने की परंपरा का विरोध किया। उन्होंने कहा, “सारसबाग में पेशवा कालीन गणेश मंदिर है, और मुस्लिम समुदाय हर साल ईद के बाद यहां इकट्ठा होकर नॉन-वेज खाना लाता है, जिससे नियमों की अवहेलना होती है और हिंदू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचती है। कुछ संगठनों ने एक कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है, और इससे बगीचे में धार्मिक टकराव होगा।”
उन्होंने आगे कहा कि हिंदू समुदाय की चिंताएं वैध हैं, क्योंकि कथित तौर पर मांसाहारी भोजन मंदिर के आसपास के माहौल को “अशुद्ध” करता है। “यह सहनीय नहीं है,” उन्होंने जोर देते हुए कहा और आयुक्त से अपील की कि ईद के दूसरे दिन बगीचा बंद रखा जाए जबकि मंदिर खुला रखा जाए।
बढ़ती आलोचना के बीच PMC गार्डन विभाग के प्रमुख अशोक घोरपड़े ने स्पष्ट किया कि पार्क प्रशासनिक कारणों से बंद किया गया था।