मुंबई : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के प्रचार में उपयोग किए गए “बटेंगे तो कटेंगे” नारे ने राजनीतिक हलकों में काफी हंगामा मचाया है। इस नारे का विरोध जहां विपक्ष ने किया है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसे समर्थन दिया। गडकरी का मानना है कि यह नारा राष्ट्रीय एकता की ओर इशारा करता है, जिसमें किसी भी धर्म, जाति या पंथ का भेदभाव नहीं है और यह भारतीयता के दृष्टिकोण से मेल खाता है।
वहीं, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस नारे के संदर्भ में कहा कि यह नारा महाराष्ट्र विकास आघाड़ी (MVA) के प्रचार अभियान के खिलाफ भाजपा का जवाब था। उन्होंने बताया कि विपक्ष के नेता, जैसे अजित पवार, इस नारे का सही अर्थ नहीं समझ पाए। फडणवीस ने यह भी माना कि अजित पवार को बदलने में समय लगेगा, लेकिन भाजपा की रणनीति सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
इस विवाद के कारण महाराष्ट्र में चुनावी माहौल और भी गरमाया है। हालांकि भाजपा के नेताओं का समर्थन पार्टी की स्थिति को मजबूत करता है, विपक्ष इसे सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी मानता है, जिससे राजनीतिक हलकों में नए विवाद और विचार-विमर्श की शुरुआत हो रही है।