पुणे : पुणे जिले में विधानसभा चुनाव के बाद अब बारामती क्षेत्र में मतगणना पर विवाद गहरा गया है। युगेंद्र पवार, जो विधानसभा चुनाव में हार गए थे, ने फिर से मतगणना की मांग करते हुए 66 लाख रुपये के शुल्क के साथ अर्ज़ी दी है। पवार का कहना है कि यदि सिर्फ उनकी हार होती तो वे अर्ज़ी नहीं देते, क्योंकि बारामती में किसी ने भी उनके खिलाफ चुनाव लड़ा नहीं था।
बारामती में पवार परिवार के बीच चुनावी संघर्ष काफी चर्चित रहा। युगेंद्र पवार और उनके काका अजित पवार के बीच की यह लड़ाई गहरी राजनीतिक बहस का कारण बनी। इस लड़ाई में अजित पवार विजयी रहे, लेकिन युगेंद्र ने अब 5 प्रतिशत ईवीएम की पुनः गिनती की मांग की है। इसके लिए उन्होंने आवश्यक रकम भी जमा की है।
युगेंद्र पवार ने कहा कि उन्हें बारामती के लिए काम करना जारी रखना है, चाहे परिणाम कुछ भी हों, और राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद की अनिश्चितताओं का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि राज्य के उपमुख्यमंत्री रहते हुए भी उनके सामने कई चुनौतियां थीं, लेकिन वे अपनी लड़ाई से पीछे नहीं हटे।