मुंबई: स्कंद षष्ठी पूजा कार्तिकेय भगवान की विशेष पूजा है, जो प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से भगवान कार्तिकेय की आराधना और उनके आशीर्वाद के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस दिन पूजा करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ दूर होती हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
पूजा विधि:
- स्नान और स्वच्छता: सबसे पहले, सुबह का स्नान करके अपने घर या मंदिर की सफाई करें।
- कार्तिकेय का अभिषेक: भगवान कार्तिकेय का जलाभिषेक करें। पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से उनका अभिषेक करना शुभ माना जाता है।
- पूजन सामग्री: पूजा में माला, पुष्प, अक्षत, कलावा, सिंदूर और चंदन अर्पित करें।
- घी का दीपक: भगवान की आराधना करते समय घी का दीपक प्रज्वलित करें।
- आरती और भोग: पूरी श्रद्धा से कार्तिकेय की आरती करें और उन्हें श्रद्धानुसार अनुसार भोग अर्पित करें।
- क्षमा प्रार्थना: पूजा के अंत में क्षमा प्रार्थना करें।
मंत्र:
“देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव। कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥”
इस दिन उपवास (फलाहार) रखा जाता है और किसी भी प्रकार का अन्न नहीं खाया जाता है। स्कंद षष्ठी का व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी माना जाता है, जो किसी कष्ट से जूझ रहे होते हैं, और यह व्रत उनका मार्गदर्शन करता है।