कुछ दिनों से उद्योगपति गौतम अदानी लगातार खबरों में हैं। हाल ही में, आंध्र प्रदेश सरकार ने अदानी की कंपनी के साथ सौर ऊर्जा प्रकल्प के लिए हुआ समझौता रद्द करने का निर्णय लिया था, जो राज्य सरकार के लिए आर्थिक दृष्टि से महंगा साबित हो सकता है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि पिछली सरकार ने अदानी समूह के साथ भ्रष्टाचार के आधार पर यह करार किया था, जिसके कारण यह निर्णय लिया गया।
हालांकि, यह करार रद्द करना इतना आसान नहीं है। सरकार ने अदानी समूह के साथ 7,000 मेगावाट के सौर प्रकल्प पर रोक लगाई है, जिसके कारण राज्य को 2,100 करोड़ रुपये का जुर्माना या 1.61 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ सकता है, जो राज्य की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। मुख्यमंत्री नायडू इस करार की समीक्षा कर रहे हैं और विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
राज्य सरकार अब अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के साथ बिजली दरों में बदलाव पर बातचीत कर रही है, क्योंकि कंपनी ने 2.49 रुपये प्रति किलोवाट की दर प्रस्तावित की थी, जिसे राज्य के ऊर्जा विभाग ने अस्वीकार कर दिया। इससे बिजली की कीमतों में वृद्धि हो सकती है, और राज्य का कुल बिजली बिल 25 वर्षों में 1.61 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। इसके अलावा, सरकार के पास सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के साथ समझौते को रद्द करने का विकल्प भी है, लेकिन इससे 2,100 करोड़ रुपये का जुर्माना हो सकता है।