कांग्रेस ने 60 साल तक देश की सेवा ना कर के राज किया : नितिन गडकरी

Nitin Gadkari

भाजपा के खिलाफ फेक नैरेटिव फैलाया गया

पुणे: चिंचवड विधानसभा सीट से महायुति के उम्मीदवार के प्रचारार्थ सार्वजिनक सभा भूमकर चौक, वाकड के द्रौपदा लांस मंगल कार्यालय में संपन्न हुई. इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन और हाईवे मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे. उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने 60 वर्ष के सत्ताकाल में बार बार संविधान पर अंकुश लगाने का प्रयास किया. इसका उदाहरण पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय लगाया गया आपातकाल है. कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर जनता के संवैधानिक अधिकारों को कुचलने का पाप किया था.

गडकरी ने कहा कि जिन्होंने संविधान को कुचलने का काम किया वही आज संविधान रक्षक होने का ढोंग कर रहे है. इसलिए देश में जातिवाद फैलाने वाली महाविकास आघाडी के झूठे प्रचार के झांसे में नहीं आए. क्योंकि भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान को कोई बदल नहीं सकता है और न ही किसी को बदलने देंगे.

गडकरी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस और विरोधियों ने देश में भाजपा के खिलाफ संविधान बदलने का फेक नैरेटिव फैलाया था. लेकिन भारतीय जनता पार्टी संविधान के सिद्धांतों पर चलने वाली पार्टी है.

कांग्रेस की गलत पॉलिसी से देश को भारी नुकसान :
नितिन गडकरी ने कहा कि भारत में पैसे की कमी नहीं है, लेकिन ईमानदार नेताओं की कमी है. यही वजह है कि इस देश में कांग्रेस ने 60 वर्ष तक सत्ता का सुख भोगा. कांग्रेस ने देश का नेतृत्व न कर देश का व्यापारी बनने का प्रयास किया. ऐसे में जिस देश के राजा व्यापारी हो उस देश की प्रजा भिखारी वाली स्थिति इस देश की हो गई थी. लेकिन 2014 में देश की जनता ने सही पार्टी, योग्य नीति और योग्य नेतृत्व पर विश्वास जताते हुए देश में सत्तापलट किया. और सही अर्थों में देश में विकास की गंगा बही. इसलिए आज के इस देश के विकास का पूरा श्रेय इस देश की पूरी जनता को जाता है.

भविष्य बदलने वाले नेता के साथ खड़े हो –
गडकरी ने महाराष्ट्र में चुनावों के बारे में बात करते हुए कहा कि चुनाव में जो उम्मीदवार आपका भविष्य बदल सकता है, आपकी जरूरतों को पूरा कर सकता हो ऐसे उम्मीदवार के साथ आप खड़े रहे तो आपकी हर समस्या का निश्चित रुप से समाधान होगा. और यह सब पूरी करने की क्षमता भाजपा के नेतृत्व में है. उन्होंने जनता से आव्हान किया कि वे इस चुनाव में शंकर जगताप को भारी मतों से विजयी बनाए.

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