PUNE GUILLAIN-BARRE SYNDROME: पुणे में गिलियन-बार्रे सिंड्रोम (PUNE GUILLAIN-BARRE SYNDROME CASES) के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। अब तक 67 मामले सामने आए हैं, जिनमें 43 पुरुष और 24 महिलाएं शामिल हैं। इनमें से 13 मरीज वेंटिलेटर पर हैं।
इसकी वजह से राज्य स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को एक त्वरित प्रतिक्रिया टीम (RRT) बनाई है। गिलियन-बार्रे सिंड्रोम एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जो अक्सर किसी वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन के बाद होती है। इसके लक्षणों में पैरों और हाथों में कमजोरी और झनझनाहट होती है।
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पुणे में इस समय गिलियन-बार्रे सिंड्रोम के बढ़ने की मुख्य वजह Campylobacter jejuni बैक्टीरिया है, जो मुख्य रूप से कच्चे मांस या गंदे पानी से फैलता है।
डॉक्टरों के अनुसार, इस बीमारी का इलाज इंट्रावेनस इम्यूनोग्लोबुलिन (IVIg) या प्लाज्मा एक्सचेंज से किया जाता है, जो तंत्रिकाओं पर इम्यून अटैक को कम करता है। अगर समय पर इलाज किया जाए तो मरीज ठीक हो सकते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह लंबे समय तक असर भी कर सकता है।
इससे बचने के लिए मांस को अच्छे से पकाना, हाथों की सफाई रखना और सुरक्षित पानी पीना जरूरी है। हालांकि, डॉक्टरों के मुताबिक, यह बीमारी महामारी का रूप नहीं लेगी, और ज्यादातर मरीज इलाज से पूरी तरह ठीक हो जाते हैं।