आजकल की बदलती जीवनशैली के कारण कॉलेज की लड़कियों में PCOD (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसीज़) और PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। खासकर 16 से 20 साल की लड़कियां और रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिलाएं इस समस्या से जूझ रही हैं। तज्ञों के अनुसार, अगर समय रहते इलाज न किया जाए, तो इससे भविष्य में बांझपन का खतरा हो सकता है।
PCOD/PCOS के सामान्य लक्षण:
• चेहरे और शरीर पर मुंहासे और अतिरिक्त बाल उगना।
• पेट और पीठ में दर्द होना।
•सेक्स के दौरान दर्द महसूस होना।
• वजन बढ़ना या घटना।
•बालों का झड़ना और त्वचा में बदलाव।
• थकावट, मूड स्विंग्स और मानसिक तनाव।
•माहवारी में अत्यधिक रक्तस्राव या बहुत कम रक्तस्राव होना।
• हार्मोनल असंतुलन या थायरॉयड से जुड़ी समस्याएं होना।
PCOD/PCOS के बढ़ने के कारण:
आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी, तनाव, असमय सोने की आदत और बाहर के खानपान से महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। खासकर कॉलेज की लड़कियां और कामकाजी महिलाएं इस बीमारी से जूझ रही हैं। पुणे में PCOD/PCOS की संख्या करीब 9% से 22% तक पहुंच चुकी है। यहां की महिलाओं में बदलती जीवनशैली, मानसिक तनाव और मोटापे के कारण यह समस्या बढ़ रही है। इसके कारण गर्भधारण में भी दिक्कत हो सकती है, और इसीलिए IVF उपचार की मांग भी बढ़ी है।
PCOD/PCOS से बचने के उपाय:
महिलाओं को हर दिन कम से कम 45 मिनट का व्यायाम करना चाहिए। इससे शरीर स्वस्थ रहेगा और हार्मोनल असंतुलन कम होगा।
यह समस्या गंभीर हो सकती है, लेकिन अगर समय रहते ध्यान दिया जाए तो इसे कंट्रोल किया जा सकता है।