पुणे: क्या आप जानते हैं कि जल्दी सोने से न केवल आपका शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है, बल्कि यह मानसिक शांति भी देता है? वहीं, देर से सोने की आदत कई गंभीर बीमारियों को बुलावा दे सकती है। तो चलिए, आपको बताते हैं आंकड़ों और उदाहरणों के साथ जल्दी सोने के फायदे और देर से सोने के नुकसान के बारे में।
आज कल हम सब मोबाइल ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जिसकी वजह से हमें समय का पता ही नहीं चल पता है की मोबाइल इस्तेमाल करते-करते हमें ५ से ६ घंटे हो जाते हैं और हमें पता नहीं चल पता हैं .इसकी वजह से हमारी आदतों में कई बदलाव आयें हैं उनमें से एक हैं रात में देरी से सोना और देरी से उठना जिसकी वजह से कई बीमारियों ने हमारे शारीर में अपना घर बना रही हैं तो आइये जान लेते हैं उसके फायदे और नुक्सान.
1. जल्दी सोने के फायदे:
बेहतर मानसिक स्वास्थ्य: एक शोध के अनुसार, जो लोग रोज़ रात 10 बजे तक सो जाते हैं, उनके मानसिक तनाव का स्तर 30% तक कम होता है। सुबह जल्दी उठने से उनका मूड बेहतर रहता है और वे अपने काम में ज्यादा फोकस्ड रहते हैं।
उच्च ऊर्जा स्तर: आंकड़ों के मुताबिक, सुबह जल्दी उठने वाले 75% लोगों ने अपने कार्यक्षमता में बढ़ोतरी महसूस की है। जल्दी सोकर पर्याप्त नींद लेने से उनके शरीर की ऊर्जा में इज़ाफ़ा होता है और वे दिनभर ऊर्जावान महसूस करते हैं।
इम्यूनिटी में सुधार: जल्दी सोने से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अध्ययन के अनुसार, जल्दी सोने वाले लोगों में बीमार होने का जोखिम 40% तक कम होता है।
2. देर से सोने के नुकसान:
बढ़ता मोटापा और डायबिटीज का खतरा: देर रात तक जागने वालों में मोटापा और डायबिटीज का खतरा अधिक पाया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, देर से सोने वाले लोगों में 50% लोगों का वज़न औसतन एक साल में बढ़ जाता है। यही नहीं, उनके शुगर लेवल भी बढ़ने का खतरा रहता है।
हृदय रोग और उच्च रक्तचाप: देर से सोने और कम नींद लेने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोध में पाया गया कि 60% देर से सोने वाले लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, जिससे हृदय रोग का खतरा भी बढ़ता है।
3.मानसिक और भावनात्मक अस्थिरता: देर रात तक जागने से मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। ऐसे लोग तनाव, चिंता, और डिप्रेशन का शिकार जल्दी हो जाते हैं। मानसिक स्वास्थ्य संस्था की रिपोर्ट के अनुसार, देर से सोने वाले 65% लोग किसी न किसी प्रकार की मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं।
उदाहरण:
हमारे ही शहर में ऐसे कई लोग हैं, जो अपनी व्यस्त जिंदगी में देर रात तक काम करते हैं, लेकिन इसका असर उनके स्वास्थ्य पर साफ देखने को मिल रहा है। एक उदाहरण के तौर पर 35 वर्षीय रोहित वर्मा, जो एक IT पेशेवर हैं, रात 2 बजे सोते हैं और सुबह 8 बजे उठते हैं। उन्होंने हाल ही में वजन बढ़ने और उच्च रक्तचाप की शिकायत की है।
एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन के लिए हमें अपनी नींद की आदतों को सुधारना चाहिए और हर रात कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। जल्दी सोना न सिर्फ हमारे शरीर को आराम देता है बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है।